नरेंद्र मोदी सरकार के सात साल पूरे होने के मौके पर केंद्र ने कोरोना से माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए बड़ा एलान किया है. ऐसे बच्चों को मुफ्त शिक्षा और इलाज की सुविधा मिलेगी. 18 साल पूरा होने पर मासिक आर्थिक सहायता (स्टाइपेंड) और 23 साल का होने पर दस लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों को लेकर एक अहम बैठक ली. जिसमें पीएम केयर फंड से ऐसे बच्चों के भविष्य को संवारने का निर्णय लिया गया है. प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर पीएम केयर की धनराशि से अनाथ बच्चों के लिए फंड की व्यवस्था होगी. ऐसे बच्चों के लिए 10 लाख रुपये का पीएम केयर से फंड बनेगा, जिसके तहत 18 साल का होने के बाद बच्चों को अगले पांच साल तक जरूरतों के लिए मासिक धनराशि मिलेगी, वहीं 23 साल का पूरा होने पर एकमुश्त 10 लाख रुपये का फंड मिलेगा.
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पीएम केयर फंड के तहत 18 साल पूरा होने पर दस लाख रुपये का फंड बनेगा. 18 साल पूरा होने के बाद इस फंड से पांच साल तक मासिक आर्थिक सहायता मिलेगी. यह धनराशि उच्च शिक्षा के लिए जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. 23 साल की पूरी होने पर 10 लाख रुपये मिलेंगे.
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इसी तरह दस साल से कम उम्र के बच्चों को नजदीकी केंद्रीय विद्यालय में दाखिला मिलेगा. अगर प्राइवेट स्कूल में बच्चे के दाखिला होगा तो पीएम केयर से फीस दी जाएगी. पीएम केयर से बच्चे के यूनिफॉर्म, कापी और किताब भी खरीदी जाएगी. 11 से 18 साल के विद्यार्थियों को केंद्र सरकार के अधीन संचालित सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में दाखिला मिलेगा. उच्च शिक्षा के लिए ऐसे बच्चों को ब्याज मुक्त लोन मिलेगा. लोन पर ब्याज की अदायगी पीएम केयर फंड से होगी. कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तत पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. 18 साल तक होने तक पीएम केयर फंड से बीमा की किश्त भरी जाएगी.
HIGHLIGHTS
- कोरोना से माता-पिता खोने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा, इलाज देगी मोदी सरकार
- पीएम केयर फंड के तहत 18 साल पूरा होने पर दस लाख रुपये का फंड बनेगा
- 18 साल पूरा होने के बाद इस फंड से पांच साल तक मासिक आर्थिक सहायता मिलेगी