संसद का मॉनसून सत्र (parliament monsoon session) जारी है, लेकिन विपक्ष दोनों सदन को चलने नहीं दे रहा है. पेगासस मुद्दे और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन जारी है. इसके चलते संसद में सरकार कोई भी बिल पेश नहीं कर पा रही है. इससे पहले कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने पेगासस मामले पर बहस के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस भेजा था. सूत्रों के अनुसार, संसद में गतिरोध खत्म करने को लेकर सरकार अब विपक्ष से बात करेगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विपक्ष के नेताओं से बात करेंगे.
पेगासस जासूसी मुद्दा, कृषि कानून, ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और महंगाई पर विपक्ष की चर्चा की मांग के बीच राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति ने सदन में सीटी बजाने पर चिंता व्यक्त की और सदस्यों को कार्रवाई की चेतावनी दी. सदन के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि अगर इसकी अनुमति दी जाती है तो यह एक परंपरा बन जाएगी और ऐसे कृत्यों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने सदस्यों से असंसदीय मानदंडों से दूर रहने की अपील की.
एक तरफ विपक्ष संसद में पैगासस मामले में बहस चाहता है तो दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि पहले कोरोना वायरस पर बहस हो, उसके बाद विपक्ष के सभी मुद्दों पर बहस करेंगे. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद को ठीक से काम नहीं करने देने और दोनों सदनों में बार-बार व्यवधान पैदा करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा था. प्रधानमंत्री ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा था कि कांग्रेस पार्टी जानबूझकर संसद में खलल डाल रही है. वे न तो बहस में रुचि रखते हैं और न ही संसद को सुचारू रूप से चलने दे रहे हैं.
संयुक्त विपक्षी पार्टियां पेगासस जासूसी विवाद के मुद्दे पर संसद में सरकार को घेरने की कोशिश कर रही हैं. विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया गया है. लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर और मनीष तिवारी पहले ही स्थगन प्रस्ताव के लिए नोटिस भेज चुके हैं.
पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बाधित होने पर संसद में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने कहा कि संसद में काम नहीं हो पा रहा है, क्योंकि सरकार पार्टियों की जायज मांगों से सहमत नहीं है. उन्होंने कहा था कि पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री या गृहमंत्री की मौजूदगी में पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा करने और घोटाले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की घोषणा करने मांग पर एकजुट है.
सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि नियम 267 के तहत विपक्ष के नोटिस की अनदेखी की जा रही है. उन्होंने नोटिस दिया है कि सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल और दिन के अन्य कार्यो से संबंधित प्रासंगिक नियमों को फिलहाल निलंबित किया जाए, ताकि पेगासस जासूसी और निगरानी घोटाले पर प्रधानमंत्री या गृहमंत्री की उपस्थिति में चर्चा की जा सके. इसने हमारे लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों को कमजोर किया है, इसलिए इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में तत्काल जांच की घोषणा की जाए.
Source : News Nation Bureau