कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए मोदी सरकार (Modi Sarkar) एक खास रणनीति पर काम कर रही है. इसके तहत जिलों और राज्यों के अधिकारियों को खास निर्देश दिए गए हैं. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, कोविड-19 की रोकथाम के लिये अपनाई गई रणनीति मोटे तौर पर संक्रमितों की अधिक संख्या वाले क्षेत्रों की पहचान करके रोकथाम के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के इर्द-गिर्द घूमती है. इसके अलावा, कोविड-19 संक्रमितों की सक्रियता से तलाश, उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, उन्हें क्वारंटाइन करने, इलाज कराने और लोगों के बीच जागरूकता फैलाना भी इस रणनीति का हिस्सा है.
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गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सरकार सभी संदिग्धों के नमूनों की जांच करा रही है. इसके अलावा संक्रमण की चपेट में आने वाले संदिग्धों और सांस के गंभीर संक्रमण से से जूझ रहे लोगों की भी जांच कराई जा रही है. वहीं (हॉटस्पॉट रेड जोन) वाले जिलों या शहरों में बड़ी संख्या में मामले सामने आने या पहले से ही संक्रमितों की भारी तादाद होने के कारण इनपर ध्यान दिया जा रहा है. संक्रमितों की अधिक तादाद वाले इलाकों में आवाजाही को लेकर सख्ती बरती जाएगी.
गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वाहनों की आवाजाही, सार्वजनिक परिवहन और किसी भी व्यक्ति के पैदल इन इलाकों से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी. इन इलाकों से बाहर जाने वाले लोगों का विवरण एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के तहत दर्ज किया जाएगा और उसपर नजर रखी जाएगी.
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14 अप्रैल तक देशभर के कुल 207 जिलों में कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं जो कि संभावित हॉटस्पॉट हो सकते हैं. इसके अलावा ऐहतियाती तौर पर घर-घर जाकर संदिग्ध रोगियों का पता लगाने के लिये चुनिंदा स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर रोज औसतन 50 घरों में भी जा रहे हैं. आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम और रेड क्रॉस, एनएसएस, एनवाईके, और आयुष के छात्र भी इस काम में जुटे हैं.
Source : News Nation Bureau