नेता जी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को अब हर साल 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है. इस संबंध में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भी अधिसूचना जारी कर दी है. सरकार ने कहा है कि इससे देश के लोगों खासकर युवाओं को विपत्ति का सामना करने के लिए नेता जी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी और उनमें देशभक्ति व साहस की भावना समाहित होगी.
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संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'जहां भारत के लोग नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष में इस महान राष्ट्र के लिए उनके योगदान को याद करते हैं. और जहां भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वी जयंती को 23 जनवरी 2021 से आरंभ करने का निर्णय लिया है ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका सत्कार किया जा सके.'
अधिसूचना में आगे कहा गया है, 'नेताजी की अदा में भावना और राष्ट्र के लिए उनके निस्वार्थ सेवा के सम्मान में और उनको याद रखने के लिए भारत सरकार ने हर साल 23 जनवरी पर उनके जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है. इससे देश के लोगों विशेषकर युवाओं को विपत्ति का सामना करने के लिए नेताजी बोस के जीवन से प्रेरणा मिलेगी और उनमें देश भक्ति तथा साहस की भावना समाहित होगी.'
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हालांकि मोदी सरकार के इस फैसले को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. पश्चिम बंगाल में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. बंगाल से ताल्लुक रखने वाले नेताजी बोस की जयंती भी चुनाव से पहले है, लिहाजा राजनीतिक दल सुभाष चंद्र बोस की जन्मदिन के जरिए की जनता से जुड़ने की कोशिश में है. नेताजी की जयंती पर ममता बनर्जी राज्य में पदयात्रा निकाली जा रही है. ऐसे में मोदी सरकार के फैसले को ममता की पदयात्रा का जवाब माना जा रहा है.
Source : News Nation Bureau