मोदी सरकार ने बुधवार को केंद्रीय राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी से किनारा कर लिया। अनंत कुमार ने 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द की आलोचना की थी और कहा था कि भाजपा सरकार संविधान की प्रस्तावना से इस शब्द को हटाने के लिए 'संविधान में संशोधन करेगी।'
राज्यसभा में विपक्ष ने एकजुट होकर हेगड़े की टिप्पणी का विरोध किया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने सदन से कहा, 'हम संविधान के प्रति वचनबद्ध हैं। हम मंत्री की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं।'
हेगड़े ने कथित तौर पर अपनी टिप्पणी में कहा था, 'धर्मनिरपेक्ष लोग अपने खून के बारे में नहीं जानते। हां, संविधान ने हमें धर्मनिरपेक्ष कहने का अधिकार दिया है, लेकिन संविधान में कई बार संशोधन किया गया है, हम भी इसमें संशोधन करेंगे। हम इसी के लिए सत्ता में आए हैं।'
वहीं लोकसभा में संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने हेगड़े के बयान पर सरकार का बचाव करते हुए कहा, 'मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि मोदी जी और हमारी सरकार भारत के संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों में विश्वास रखती है।'
I just want to say that Modi ji and our Govt are committed to the constitution of India and ideals of Baba Saheb Ambedkar: Ananth Kumar,Parliamentary Affairs Minister in Lok Sabha on Opposition uproar over Union Minister #AnanthKumarHegde's remark
— ANI (@ANI) December 27, 2017
विपक्ष ने बुधवार को मंत्रिमंडल व संसद से हेगड़े के निष्कासन की मांग की। विपक्ष ने कहा कि उन्होंने भारत के संविधान व इसके निर्माता भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है।
विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर बार-बार सदन स्थगित करने को मजबूर किया।
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मंगलवार को अनंत कुमार हेगड़े का विवादित बयान सामने आया था। केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय और एंत्रप्रन्योरशिप के मंत्री अनंत हेगड़े ने रविवार को कहा था कि 'जो लोग खुद को सेक्युलर कहते हैं वो अपने प्रतिशत के बारे में अनजान है।'
उन्होंने कहा था कि उन्हें खुशी होती है जब लोग अपने धर्म और जाति को गर्व से बताते हैं। मंत्री ने कहा था, 'मुझे खुशी होती है क्योंकि जो व्यक्ति अपने खून के बारे में जानता है, लेकिन मुझे नहीं पता कि उन्हें क्या कहा जाए तो खुद को सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) बताते हैं।'
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हेगड़े ने कहा था, 'जो अपने माता-पिता के खून के बारे में जाने बिना खुद को सेक्युलर बताते हैं, उनकी खुद की पहचान नहीं है। उन्हें अपने प्रतिशत के बारे में नहीं पता लेकिन वो बौद्धिक है।'
उन्होंने यह भी कहा कि वो संविधान का इज्जत करते हैं लेकिन 'यह आने वाले दिनों में बदल जाएगा।' कर्नाटक से पांच बार लोक सभा सांसद ने सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी को चुनौती देते हुए कहा, 'हम यहां उसके लिए हैं और इसीलिए आए हैं।'
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Source : IANS