Advertisment

तीन तलाक के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में ‘निकाह हलाला’ का विरोध करेगी मोदी सरकार

केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मुसलमानों में होने वाली ‘निकाह हलाला’ का विरोध करने का फैसला किया है।

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
तीन तलाक के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में ‘निकाह हलाला’ का विरोध करेगी मोदी सरकार

प्रतीकात्मक चित्र

Advertisment

केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मुसलमानों में होने वाली ‘निकाह हलाला’ का विरोध करने का फैसला किया है। कानून मंत्रालय के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी।

इस मामले पर सरकार का पक्ष साफ करते हुए मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'सरकार का मानना है कि यह प्रथा ‘लैंगिक न्याय’ (जेंडर जस्टिस) के सिद्धांतों के खिलाफ है। तीन तलाक पर सुनवाई के दौरान ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना रूख साफ कर दिया था।'

बता दें कि तीन तलाक की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायलय ने निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथा पर अलग से विचार करने का फैसला किया था।

अधिकारी ने कहा कि सरकार का रुख पहले की तरह अडिग है। भारत सरकार इस प्रथा के खिलाफ है और कोर्ट में इस प्रथा का विरोध करेगी।

इससे पहले मार्च में उच्चतम न्यायालय ने निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथा के मुद्दे पर केंद्र को नोटिस जारी कर हलफनामा दायर करने को कहा था।

और पढ़ें: 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को समय से पहले करा सकती है BJP: मल्लिकार्जुन खडगे

गौरतलब है कि ‘निकाह हलाला’ मुसलमानों में वह प्रथा है जो समुदाय के किसी व्यक्ति को अपनी तलाकशुदा पत्नी से फिर से शादी करने की इजाजत देता है।

इस प्रथा के तहत एक व्यक्ति अपनी पूर्व पत्नी से तब तक दोबारा शादी नहीं कर सकता, जब तक कि वह महिला किसी अन्य पुरुष से शादी कर उससे शारीरिक संबंध नहीं बना लेती और फिर उससे तलाक लेकर अलग रहने की अवधि (इद्दत) पूरा नहीं कर लेती।

जल्द ही सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच निकाह हलाला की कानूनी वैधता की पड़ताल करते हुए इसको चुनौती देने वाली चार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल तीन तलाक की प्रथा (तलाक-ए-बिद्दत) को असंवैधानिक करार दिया था। जिसके बाद सरकार तीन तलाक को एक दंडनीय अपराध बनाने के लिए एक विधेयक लेकर आई।

लोकसभा ने यह विधेयक पारित कर दिया और अब यह राज्यसभा में लंबित है। यह तीन तलाक को अवैध बनाता है और पति के लिए तीन साल तक की कैद की सजा का प्रावधान करता है।

और पढ़ें: नहीं थमेगी दिल्ली की धड़कन, हाई कोर्ट ने मेट्रो कर्मचारियों की हड़ताल पर लगाई रोक

Source : News Nation Bureau

Supreme Court modi govt Triple Talaq nikah-halala Nikah
Advertisment
Advertisment