केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा को लेकर बड़ा ऐलान किया है।
बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने 4.5 लाख रुपये से कम सालाना आय वाले परिवार के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दिए जाने वाले कर्ज पर सौ फीसदी ब्याज सब्सिडी दिए जाने का फैसला लिया है।
सीधे शब्दों में समझा जाए तो जिन छात्रों को सरकार की तरफ से उच्च शिक्षा के लिए कर्ज मिलेगा, उन्हें पढ़ाई के दौरान और पढ़ाई पूरी होने के एक साल बाद तक इस राशि पर कोई ब्याज नहीं देना होगा।
उन्होंने कहा, '4.5 लाख रुपये से कम सालाना आय वाले परिवार के बच्चों को 7.5 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा और पढ़ाई पूरी होने के एक साल बाद तक सरकार ब्याज का भुगतान करेगी।'
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार के इस फैसले से देश के करीब 10 लाख छात्रों को फायदा होगा और सरकार अगले तीन सालों (2017-2020) तक ब्याज सब्सिडी के रूप में 6600 करोड़ रुपये देगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हालांकि यह योजना 2009 में यूपीए सरकार के दौरान शुरू हुई थी लेकिन मोदी सरकार ने इसे गति देने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 2009-14 के दौरान महज 800 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी लेते हुए शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकारी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिए मामूली फीस का भुगतान करना पड़ता है, लेकिन किसी गरीब छात्र को प्राइवेट विश्वविद्यालय में अधिक फीस की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि कई मौके पर छात्रों को पढ़ाई तक छोड़नी पड़ती है। उन्होंने कहा कि आईआईएम बेंगलुरु की टीम ने इस स्कीम की समीक्षा की थी और उनकी अधिकांश सिफारिशों को लागू कर दिया गया है।
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HIGHLIGHTS
- गरीब छात्रों के एजुकेशन लोन पर 100 फीसदी ब्याज सब्सिडी देगी मोदी सरकार
- 4.5 लाख रुपये से कम सालाना आय वाले परिवार के बच्चों को 7.5 लाख रुपये तक मिलेगा कर्ज
Source : News Nation Bureau