गोवा में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई। मीटिंग में आतंकवाद से लेकर एनएसजी सदस्यता तक पर दोनों देशों में बातचीत हुई। दोनों देश के राष्ट्र प्रमुखों के बीच हुई बातचीत में आतंकवाद और एनएसजी की सदस्यता का मुद्दा छाया रहा।
1. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा हमारी वर्तमान में जो चिंताएं हैं उससे हमने चीनी पक्ष को अवगत कर दिया है। दोनों पक्षों के बीच कम से कम मुद्दों पर मतभेद होने चाहिए।
2. विकास स्वरूप के मुताबिक 'बैठक के दौरान एनएसजी सदस्यता पर भी बात हुई और पीएम मोदी ने उम्मीद जताई की एनएसजी में भारत की सदस्यता पर आगे भी सकारात्मक बात होगी'।
3. विदेश मंत्रालय के मुताबिक 'पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति दोनों ने हाईलेवल मीटिंग पर संतोष जताया है'। दोनों देशों के बीच अलग-अलग मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि हम जल्द ही दूसरे दौर की बैठक भी करेंगे।
4. दोनों पक्षों ने माना कि आतंवाद के एक बड़ा मुद्दा है और चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि हम आतंकवाद से लड़ने में अपनी भागीदारी को मजूबत करना चाहते हैं।
5. पीएम मोदी और शी जिनपिंग दोनों ने ही द्विपक्षीय संबंधों और उसके आयामों की समीक्षा करते हुए उस पर संतोष जताया।
उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कूटनीतिक कोशिशें तेज कर दी थी। इसी के तहत भारत ने सिंधु जल समझौते की समीक्षा किए जाने और मसूद अजहर को प्रतिबंधित किए जाने की दिशा में कोशिश की थी लेकिन चीन ने इसके जवाब में जहां ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोका वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को प्रतिबंधित किए जाने के प्रस्ताव को वीटो कर दिया। इन घटना क्रमों के बाद ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी और शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई है।
Source : News Nation Bureau