प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार आज अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा कर चुकी है. अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ही साल में मोदी सरकार (Modi Sarkar) ने कई उपलब्धियां अपने नाम कर ली हैं. बीजेपी अकसर बहुमत मिलने के बाद अपने एजेंडे को लागू करने की बात करती थी और इत्तेफाकन जिस साल जनता ने बीजेपी की अपने दम पर सरकार बनवाई, मोदी सरकार ने पार्टी के एजेंडे को सर्वोपरि रखकर काम करना शुरू कर दिया. सरकार बनने के बाद जो सबसे बड़ा काम हुआ, वो है जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाना. उसके बाद तत्काल तीन तलाक (Tatkal Triple Talaq) के खिलाफ कानून बना. राम मंदिर (Ram Mandir) के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया. सरकार को सबसे अधिक नागरिकता संशोधन कानून (CAA) ने परेशान किया. संसद के शीत सत्र में मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Act) को संसद से मंजूरी दिलाई, जिससे दो महीने तक पूरे देश में बवाल मचा रहा. दिल्ली में तो दंगे भी हो गए. शाहीनबाग (Shaheenbagh) जैसा आंदोलन महीनों तक चला. मोदी सरकार रोजाना इस कानून को लेकर सफाई देती रही, अखबारों और मीडिया में रोजाना विज्ञापन प्रकाशित हो रहे थे, लेकिन कुछ लोगों की शहर पर यह आंदोलन तूल पकड़ता गया. हालांकि बाद में मोदी सरकार ने इस पर काबू पा लिया.
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मोदी सरकार 2.0 के पहले साल में 70 सालों से लंबित राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला राम मंदिर के पक्ष में दिया. सबसे बड़ी बात यह रही कि राम मंदिर का निर्माण कार्य भी मोदी सरकार-2 के पहले साल में ही शुरू हो गया है. मोदी सरकार 2.0 ने पहले साल में देश में आर्थिक सुधार की दिशा में 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला लेने के साथ, कई बड़े आर्थिक सुधार के कदम भी उठाए हैं.
कोई सोच भी नहीं सकता था कि मोदी सरकार एक झटके में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 का खात्मा कर पाएगी, लेकिन 5 अगस्त का वह ऐतिहासिक दिन, जब गृह मंत्री अमित शाह कैबिनेट की बैठक के बाद राष्ट्रपति से मिलने गए और फिर वहां से लौटकर संसद में अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटने का ऐलान किया तो एकबारगी लोगों को अपने कानों पर भरोसा ही नहीं हुआ. विपक्ष सन्न रह गया तो पाकिस्तान आज तक उस सदमे से उबर नहीं पाया है. गृह मंत्री अमित शाह ने उस पूरे मामले की कमान खुद संभाल रखी थी. इससे पहले एहतियातन जम्मू-कश्मीर में भारी संख्या में फोर्स की तैनाती कर दी गई थी. वहां के बड़े नेताओं को महीनों तक नजरबंद रखा गया. आज भी महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं.
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अमित शाह यही नहीं रुके. संसद में उन्होंने पीओके, गिलगित-बाल्टिस्तान पर कब्जा करने को लेकर भारतवासियों को सपना भी दिखाया. इस बात को लेकर कांग्रेस के नेता सदन से उनकी नोकझोंक भी हुई. अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग भारत के साथ ही पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान के मौसम की भी भविष्यवाणी कर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि रणनीतिक और कूटनीतिक रूप से यह बहुत बड़ा कदम है और मोदी सरकार के पीओके फिर से हासिल करने के संकल्प को दोहराता है.
इन बड़े मुद्दों के अलावा मोदी सरकार ने गरीबों की भलाई के लिए छोटी-बड़ी ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों के लिए लगभग सवा सौ गरीब कल्याण योजनाओं की शुरुआत की, जिसका सीधा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में रहने वाली गरीब जनता को मिला.
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अब बीजेपी की विचारधारा से जुड़े दो प्रमुख मुद्दे समान नागरिक संहिता और एनआरसी बाकी रह गए हैं. सरकार जिस तरह एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है, उससे स्पष्ट है कि समान आचार संहिता और एनआरसी मोदी सरकार-2 के कार्यकाल में कानून बन जाएंगे. इसके अलावा सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने पर भी विचार कर रही है.
अब कोरोना वायरस के प्रभाव और चीन को उसकी औकात दिखाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 'लोकल के लिए वोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' का नारा दिया है. पीएम मोदी की अपील पर जनता लोकल उत्पादों का उपयोग करती है तो अर्थव्यवस्था में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे और यह मोदी सरकार 2.0 की बड़ी उपलब्धियों में से एक होगी.
Source : News Nation Bureau