पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और केंद्र CBI को लेकर आज आमने-सामने है. चिटफंड घोटालों (Chitfund Scam) के सिलसिले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) से पूछताछ की सीबीआई (CBI) की कोशिश के खिलाफ रविवार रात से पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठी हैं. दरअसल केंद्र और ममता बनर्जी के बीच पिछले चार महीनों से टकराव की स्थित है. इसके पीछे एक बड़ी वजह है लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elctions 2019) के लिए पश्चिम बंगाल (West Bengal) की 42 सीटें जिनमें से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य BJP ने रखा है.
उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा गठबंधन से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए BJP का फोकस पश्चिम बंगाल पर है. उधर ममता बनर्जी ने कोलकाता में 22 विपक्षी दलों को एक साथ मंच पर लाकर महागठबंधन को मजबूती दी है. केंद्र और राज्य के बीच इस टकराव के पीछे पीछले चार महीने में घटी इन 4 घटनाओं का भी अहम रोल है.
टशन 1: योगी का हेलिकॉप्टर नहीं उतरने दिया
दक्षिणी दिनाजपुर जिले में 3 फरवरी को को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ की गणतंत्र बचाओ रैली होनी थी. लेकिन, राज्य सरकार ने पूर्व सूचना के बगैर योगी के हेलिकॉप्टर उतारने की मंजूरी रद्द कर दी. इसके चलते सीएम योगी रैली में नहीं पहुंच पाए. इसके बाद उन्होंने फोन और ऑडियो लिंक के जरिए लोगों को संबोधित किया.
टशन 2: सीबीआई को राज्य में जांच से रोका
6 नवंबर 2018 को ममता बनर्जी ने मोदी सरकार परर आरोप लगाया कि वह सीबीआई और दूसरी एजेंसियों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही है. ममता बनर्जी की सरकार ने पश्चिम बंगाल में CBI को जांच करने से रोक दिया.
टशन 3 : ममता ने BJP को रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी
6 दिसंबर 2018 को ही ममता बनर्जी ने राज्य का माहौल बिगड़ने का हवाला देते हुए भाजपा को रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी. इस फैसले के खिलाफ BJP कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंची. यहां सिंगल बेंच ने BJP को रथ यात्रा की इजाजत दी, लेकिन डिवीजन बेंच ने इस फैसले को पलट दिया. इसके बाद BJP सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भाजपा रथ यात्रा के लिए रिवाइज्ड प्लान करे. अदालत ने ममता सरकार से कहा कि भाजपा को जनसभा और रैलियों की इजाजत दी जाए.
टशन 4: डेटा शेयरिंग से ममता का इनकार
29 दिसंबर 2018 को ममता बनर्जी ने राज्य के सभी विभागों से कहा कि वे केंद्र के साथ डेटा शेयर ना करें. उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य को नियंत्रित करने के लिए इस डेटा का इस्तेमाल कर रहा है और यह संघीय ढांचे में दखल है. ममता सरकार ने आयुष्मान भारत समेत केंद्र की कई योजनाएं भी प. बंगाल में लागू नहीं कीं.
Source : News Nation Bureau