अयोध्या (Ayodhya) में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण (Ram Temple) के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भूमि पूजन पूरे वैदिक विधि विधान से करेंगे. जन्मभूमि पर भूमि पूजन के लिए अनुष्ठान सुबह 8 बजे ही शुरू हो जाएगा लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 बजे से शुरू होने वाले भूमि पूजन और वास्तु स्थापना के यज्ञ को ही संपन्न करेंगे.
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भूमि पूजन और वास्तु स्थापना का कार्यक्रम तकरीबन 3 घंटे में संपन्न होगा. भूमि पूजन कराने के लिए बनारस से विशेष ब्राह्मणों के दल को आमंत्रित किया गया है. भूमि पूजन कराने वाले तीनों ब्राह्मणों का चयन श्री काशी विद्वत परिषद से किया गया है. गौरतलब है कि भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि सर्वार्थ सिद्धि योग है जो सभी योगों में श्रेष्ठ माना जाता है. शास्त्रीय विधान के मुताबिक सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू किए गए काम में कोई बाधा नहीं आती है.
साथ ही राम नाम का योग और ग्रह नक्षत्रों की स्थिति भी 5 अगस्त को मेल खाती है. यही वजह है कि पूरे वैदिक विधान से भूमि पूजन संपन्न कराने की तैयारी में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट लग गया है. राम मंदिर के भवन निर्माण के लिए होने वाली भूमि पूजन की विधि पर ट्रस्ट के सूत्रों का कहना है कि भूमि पूजन ठीक उसी जगह होगा जहाँ गर्भ ग्रह है. जहां कुछ महीने पहले तक श्री रामलला विराजमान थे. भूमि पूजन के लिए गर्भ ग्रह वाले स्थान पर नींव खोदी जाएगी.
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जिसमें सबसे पहले मोदी पांच ईंटो को स्थापित कर भूमि पूजन करेंगे. पांचो ईंट नंदा, भद्रा, जया, रिक्ता और पूर्णा नाम की होगी, जिनकी विशेष पूजा होगी. नींव में इन ईटों को स्थापित करने के पहले नवग्रह वेदीका और सभी देवी देवताओं के आह्वान की वेदिका का पूजन भी प्रधानमंत्री मोदी करेंगे.
सप्तरंगी पताका पूजन, नवग्रह शांति के लिए भी पूजा करेंगे. वैदिक मंत्र उच्चारण के बीच नींव में ईटों को स्थापित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तांबे के एक कलश को स्थापित करेंगे. इस ताम्र कलश में वैदिक विधि से गंगाजल के साथ-साथ सभी तीर्थों के जल देश के सभी प्रमुख नदियों के जल और विशेष तौर पर सिंधु और सागर के जल से भरा जाएगा. साथ ही नीव में सत मृतिका भी स्थापित की जाएगी.
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यानी देश के सभी प्रमुख धामों और भगवान राम से जुड़ी हुई 100 स्थानों की मिट्टी नींव में स्थापित की जाएगी. साथ ही कलश में पंचरत्न भी रखे जाएंगे जिसमें हीरा, पन्ना, मलिक, सोना और चांदी शामिल हैं. पंच रत्नों के साथ साथ भूमि पूजन में ईंटों के साथ पाताल लोक के राजा शेषनाग के प्रतीक रूप में चांदी के नाग नागिन और भगवान विष्णु प्रतीक चांदी के कछुए को भी नींव में स्थापित किया जाएगा.
Source : News Nation Bureau