पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बुधवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'अघोषित आपातकाल' से अलग था।
उन्होंने कहा कि मोदी का 'अघोषित आपातकाल' भारतीय राजनीति में डाला गया धीमा जहर है। पणजी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिन्हा ने राष्ट्रीय राजधानी के अकबर रोड को अज्ञात लोगों द्वारा अचानक महाराणा प्रताप रोड का नाम दिए जाने की निंदा की।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा 'लुंपेन तत्वों' को बढ़ावा किया किया जा रहा है।
सिन्हा ने कहा, 'इंदिरा गांधी ने रातोरात आपातकाल की घोषणा कर दी और विरोधियों को जेल में डाल दिया। आज का आपातकाल भय का माहौल है जोकि अघोषित रूप से बन गया है। ऐसा अचानक नहीं हुआ। इसलिए हमें पता नहीं चला। यह धीमा जहर है जो भारत की राजनीति में डाल दिया गया है।'
इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व बीजेपी के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा और आम आदमी पार्टी के गोवा संयोजक एल्विस गोम्स भी मौजूद थे।
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'दूसरा अंतर यह है कि इंदिरा गांधी का आपातकाल राजनीतिक फैसला था। यह उनकी कुर्सी बचाने के लिए उठाया गया एक राजनीतिक फैसला था। लेकिन, आज के आपातकाल में सांप्रदायिकता बेहद बड़ा तत्व है।'
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Source : News Nation Bureau