गाजीपुर के दुल्लहपुर के धामूपुर में स्थित वीर अब्दुल हमीद पार्क में परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद की जयंती के अवसर पर 'मेरे पापा परमवीर' पुस्तक शहीद वीर अब्दुल हमीद के बड़े पुत्र जैनुल हसन से बातचीत पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया. 'मेरे पापा परमवीर' पुस्तक का सरसंघसंचालक डॉ मोहन राव भागवत के द्वारा विमोचन किया गया. पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में सरसंघसंचालक के अलावा कैप्टन मशूद और वीर अब्दुल हमीद के पुत्र जैनुल हसन मौजूद रहे.
इस दौरान वीर अब्दुल हमीद के बेटे जैनुल हसन ने मंच से बोलते हुए कहा कि मेरे शहीद पिता के जन्मदिवस पर समाज द्वारा दिए गए सम्मान से मैं आभारी हूं. मैं संघ प्रमुख का भी आभारी हूं. मुस्लिम समाज में संघ को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां, पूर्वाग्रह व्याप्त हैं लेकिन आपके आगमन से ये साबित होता है कि एपीजे अब्दुल कलाम और परमवीर अब्दुल हमीद को किसी ने सम्मान दिया है तो उसका पूरे अदब के साथ सम्मान है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हृदय की विशालता,लक्ष्य के प्रति पवित्रता राष्ट्र के प्रति प्रेम भारतीय आइन के प्रति सम्मान संघ प्रमुख एवं संघ के भीतर है वो कहीं और नहीं है.
मैं अपने समाज से अपील करता हूं कि संघ को ठीक से जानना है तो संघ से जुड़ें. ये सेवा और समर्पण का बहुत बड़ा मंच है. हम मादरे वतन भारत को विश्व गुरु बनाने का भरोसा दिलाते हैं. संघ प्रमुख आपके नेतृत्व को भारत एक मजबूत सरपरस्त के रूप में देखता है. शहीद वीर अब्दुल हमीद के बड़े पुत्र जैनुल हसन ने बताया कि अपने पिता से प्रेरित होकर मैं मैं भी सेना में नौकरी की और अभी रिटायर हो चुका हूं तो मैने सोचा की मैं अपने पिताजी पर एक फिल्म बनवाऊंगा. आज मेरे पापा परमवीर पुस्तक का सरसंघसंचालक मोहन भावगत ने किया है.
Source : News Nation Bureau