राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत (Mohan bhagwat) ने मंगलवार आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को यह भरोसा दिलाना जरूरी है कि राज्य का स्पेशल स्टेटस खत्म किए जाने से कोई नुकसान नहीं होगा. नौजवानों को भरोसा दिलाना होगा कि उनकी नौकरियों और जमीन पर कोई खतरा नहीं है.
विदेशी मीडिया से बातचीत में भागवत (Bhagwat) कहा कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के युवाओं के मन में नौकरी और जमीन खोने का जो डर है, उसे दूर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों को यह भरोसा दिलाना होगा कि आर्टिकल 370 को हटाए जाने से शेष भारत के साथ उनकी एकात्मता बढ़ेगी.
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मोहन भागवत ने कहा कि अब तक कश्मीरियों को अलग-थलग रखा गया था, लेकिन 370 हटने के बाद अप शेष भारत के साथ उनके संपर्क और एकता की बाधाएं दूर हो गई हैं.
विदेशी मीडिया से बातचीत को लेकर आरएसएस की ओर से बयान जारी करके कहा गया कि यह कार्यक्रम संगठन की ओर से लगातार विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ संवाद की प्रक्रिया का एक हिस्सा था.
कश्मीर में बाहरी लोगों के जमीन खरीदने के स्थानीय लोगों के डर को दूर करने की बात आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कही.
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असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के मुद्दे पर भी मोहन भागवत ने कहा कि यह लोगों को निकालने के लिए नहीं है बल्कि नागरिकों की पहचान के लिए है. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा, 'भारत को छोड़कर दुनिया में हिंदुओं के लिए कोई दूसरा देश नहीं है.'
समलैंगिकता को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मोहन भागवत ने कहा कि समलैंगिकों को भी समाज के अन्य लोगों की तरह ही बराबरी का दर्जा दिया जाना चाहिए.