विवादित इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक की मुश्किलें और बढ़ सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जाकिर और उनकी संस्था आईआरएफ से जुड़े लोगों से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ कर रही है।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद जाकिर नाईक पर आतंकियों को उकसाने का आरोप लगा था। जिसके बाद से सरकार उनपर नजर रख रही है। गृह मंत्रालय ने कहा था कि जाकिर नाइक अपने भाषणों से समाज में घृणा और शत्रुता को बढ़ावा दे रहे थे। साथ ही उन्होंने मुस्लिम युवाओं और विदेशी युवाओं को आतंकी बनने की प्रेरणा दे रहे थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद रोधी कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज नाईक के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसके बाद मुंबई स्थित आईआरएफ कार्यालय पर एनआईए ने छापेमारी कर संस्था से जुड़े कागजातों को जब्त किया था।
केंद्र सरकार नाईक के एनजीओ आईआरएफ पर पांच साल का बैन लगा चुकी है। जाकिर की संस्था पर गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। उनके एनजीओ पर गलत तरीके से विदेशी चंदा लेने का भी आरोप है।
जांच एजेंसी एनआईए ने कहा था कि जाकिर नाइक के 78 बैंक खातों पर नजर रखी जा रही है।
Source : News Nation Bureau