दिल्ली में मंकीपॉक्स वायरस का एक केस सामने आया है. जिसके बाद भारत में मंकीपॉक्स वायरस के कुल 4 मामले हो गए हैं. बता दें 4 में से 3 मामलों में मंकीपॉक्स का वायरस सेक्सुअल इंटरकोर्स के जरिए मरीजों तक पहुंचा है. इन चार में से 3 मामले केरल में सामने आए हैं. पहले एक रिसर्च के जरिए पता चला था कि यह वायरस रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट, घाव, नाक, मुंह और आंखों के जरिए फैलता है लेकिन हाल ही में ये बात पता सामने आई है कि मंकीपॉक्स सेक्सुअल इंटरकोर्स के जरिए भी फैल सकता है.
हालांकि मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण कैसे और कब मरीज पर फैला इसको लेकर अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है. इस मामले पर अभी जांच जारी है. मरीज ने इसको लेकर अभी सही से जानकारी नहीं साझा की है. पहले उसने शिमला के मशोबरा में पार्टी करने की बात कही, फिर मनाली बताया. लेकिन होटल का डिटेल नहीं दे पा रहा है. देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को दक्षिण केरल के कोल्लम जिले में सामने आया था. वहीं दूसरा मामला 18 जुलाई को और तीसरा मामला 22 जुलाई को केरल में ही सामने आया था. तीनों शख्स विदेश की यात्रा कर लौटे थे. बीते दिनों केरल सरकार ने बढ़ते मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए एसओपी जारी कर दिया था.
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घर पर भी आइसोलेशन में रखा जा सकता
किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के विषय में तत्काल जिला, राज्य और केंद्रीय सर्विलांस इकाई को सूचित करें. रोगी को घर पर भी आइसोलेशन में रखा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भी भर्ती कराया जा सकता है. दूसरों के साथ संपर्क के जोखिम को कम करने के लिए घावों को यथासंभव अधिकतम सीमा तक ढंका जाना चाहिए. सभी घावों के ठीक होने पर ही आइसोलेशन की अवधि समाप्त होगी. वहीं मंकीपॉक्स के संबंध में AIIMS के विशेषज्ञ ने एक जानकारी भी साझा की है. उन्होंने बताया है कि मंकीपॉक्स के खिलाफ चेचक का टीका काफी कारगार है. चेचक का टीका मंकीपॉक्स के मरीज को सुरक्षा प्रदान करता है. किसी मरीज ने अगर चेचक का टीका लगा लिया है तो उसे मंकीपॉक्स होने की संभावना बहुत कम हो जाती है.
HIGHLIGHTS
- मंकीपॉक्स के खिलाफ चेचक का टीका काफी कारगार
- चार में से 3 मामले केरल में सामने आए
- मंकीपॉक्स के मामलों को देखते हुए एसओपी जारी कर दिया