कोरोना वायरस महामारी के बीच संसद का महत्वपूर्ण मानसून सत्र कल से शुरू होने वाला है. हालांकि इस पर सर्वदलीय बैठक नहीं होगी. कोरोना महामारी के चलते सरकार सत्र के पहले सर्वदलीय बैठक नहीं बुला रही है. मगर सरकार सदन की कार्य मंत्रणा समिति के जरिए विपक्ष के साथ सहमति बनाएगी. इस बार संसद में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध, अर्थव्यवस्था, कोविड-19 और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जमकर हंगामा होने के आसार हैं.
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संसद के मानसून सत्र में विपक्षी तेवरों का जवाब देने के लिए सरकार तैयार है. कोरोना और चीन मुद्दे पर सरकार सदन को जानकारी दे सकती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी संसद में चीन से विवाद को लेकर बयान दे सकते हैं. हालांकि सूत्रों का कहना है कि चीन के मुद्दे पर सरकार संसद में हर तरह की जानकारी सार्वजनिक नहीं करेगी. सूत्रों के अनुसार सरकार का मानना है कि चीन का मुद्दा काफी संवेदनशील है, जिससे सामरिक और कूटनीतिक महत्व के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव पड़ता है. ऐसे में सदन में चर्चा के दौरान इसकी संवेदनशीलता को समझना होगा. ऐसे मामलों में बहुत सारी बातें सार्वजनिक नहीं की जाती हैं.
लिहाजा आज मानसून सत्र में सदन का एजेंडा तय करने के लिए और सरकार व विपक्ष में सहमति बनाने के लिए कार्य मंत्रणा समिति की बैठकें अहम होंगी. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कार्यवाही को लेकर सरकार विपक्ष को सहमत की कोशिश करेगी. सरकार की ओर से ऐसे संकेत दिए हैं कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष के मुद्दों को शामिल किया जाएगा और तारीख व समय भी तय किया जाएगा.
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इस बीच खबर आ रही है कि संसद के इस सत्र के शुरुआती दिनों में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भाग नहीं ले पाएंगी. वह अपने सालाना उपचार के लिए बेटे व कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ विदेश के लिए रवाना हो गई हैं. सोनिया (73) करीब दो हफ्ते विदेश में रह सकती हैं. ऐसे में वह संसद के आधे मॉनसून सत्र में हिस्सा नहीं ले पाएंगी. पार्टी सूत्रों ने कहा कि सोनिया गांधी अपने वार्षिक चिकित्सा उपचार के लिए रवाना हो गई हैं और कम से कम दो सप्ताह बाद वापस आएंगी. सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी के अगले दो दिनों में भारत लौटने और संसद सत्र में भाग लेने की संभावना है.
Source : News Nation Bureau