सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या मामले में आदेश के बाद राज्य सरकार ने मस्जिद के लिए जमीन तलाशने का काम तेज कर दिया है. उत्तर प्रदेश
सरकार ने पंचकोसी परिक्रमा क्षेत्र के बाहर पांच जगह चिन्हित की हैं जिन्हें मस्जिद के लिए दिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार को मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था.
जानकारी के मुताबिक सरकार ने मलिकपुर, डाभासेमर मसौधा, मिर्जापुर, शमशुद्दीनपुर और चांदपुर में मस्जिद के लिए जमीन देखी है. सूत्रों का कहना है कि इन जमीन पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है और अगर मुस्लिम पक्ष इनमें से किसी जमीन को फाइनल करते हैं तो राज्य सरकार को इसके अधिग्रहण और जमीन देने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी.
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वहीं दूसरी तरफ अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मुस्लिम पक्षकारों की पुनर्विचार याचिका बगैर बहस के खारिज होने के बाद अब बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का फैसला कर चुकी है. इसके साथ ही कमेटी बाबरी ढांचे का मलबा मुस्लिम समुदाय को सौंपने के लिए भी कोर्ट में प्रार्थनापत्र देगी. कमेटी के संयोजक एडवोकेट जफरयाब जीलानी ने कहा कि पुनर्विचार याचिका की सुनवाई होती तो इसमें बहस होती कि न्यायालय ने 1992 में बाबरी ढांचे के विध्वंस को सिरे से अवैधानिक माना है. इसलिए इसके मलबे व दूसरी निर्माण सामाग्री जैसे पत्थर, खंबे आदि को मुस्लिमों को सुपुर्द किया जाए. कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर इसके लिए अनुरोध किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि शरीयत के मुताबिक मस्जिद को बनाने में इस्तेमाल हुई सामग्री किसी दूसरी मस्जिद या भवन में नहीं लगाई जा सकती है. न ही इसका अनादर किया जा सकता है. क्योंकि मलबे के संबंध में कोर्ट के निर्मय में कोई स्पष्ट आदेश नहीं आया है. इस लिए मलबे के हटाने के समय उसका आनादर होने की आशंका बरकरार है.
Source : News Nation Bureau