मध्य प्रदेश में लगभग दो दशक से शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर आंदोलनरत अध्यापक संवर्ग को रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने बड़ी सौगात दी है। उन्होंने अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन करने का ऐलान किया है।
अध्यापक अब विभागीय कर्मचारी माने जाएंगे। राज्य के अध्यापकों ने रविवार को भोपाल में महापंचायत बुलाई थी। यहां के शाहजहांनी पार्क में बड़ी संख्या में अध्यापक जमा हुए। उनकी मांग थी कि उनका शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए, साथ ही अन्य कर्मचारियों की तरह उन्हें भी सुविधाएं मिलें।
राज्य में अध्यापक संवर्ग में कुल पौने तीन लाख लोग हैं, कहीं अध्यापक पंचायत के अधीन है तो कहीं नगरीय निकाय में आते हैं। अध्यापकों की मांग थी कि वे विद्यालय में बच्चों को पढ़ाते हैं, मगर शिक्षा विभाग के कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते।
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इसके साथ ही उन्हें किसी तरह की वे सुविधाएं नहीं मिलतीं, जो अन्य कर्मचारियों को मिलती हैं।
अपनी मांगों को लेकर अध्यापक लगातार कई वर्षो से संघर्ष करते आए हैं। पिछले दिनों महिला अध्यापकों ने जम्बूरी मैदान में प्रदर्शन कर अपना मुंडन कराया था। रविवार को उन्होंेने शाहजहांनी पार्क में महापंचायत बुलाई।
अध्यापकों के प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने आवास पर उनके प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया। उनसे चर्चा के बाद उन्होंने ऐलान किया कि अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाएगा।
अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन होने पर अध्यापक को शिक्षक कहा जाएगा। साथ ही वे सारी सुविधाएं मिलने लगेंगी, जो शिक्षकों को मिलती रही हैं।
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Source : IANS