किसानों के हितों और उनकी आवाज को बुलंद करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और सांसद राघव चड्ढा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी विधेयक 2022 को लागू करने के लिए संसद में निजी सदस्य विधेयक पेश किया. सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि किसान काफी लंबे समय से एमएसपी को लीगल गारंटी बनाने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर वे दिल्ली के बॉर्डर पर तकरीबन एक साल तक आंदोलनरत भी रहे थे. आंदोलनकारी किसानों को भाजपा की केंद्र सरकार ने उनकी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा किया था, लेकिन अब, केंद्र सरकार ऐसा न कर किसानों के साथ सरासर धोखा कर रही है.
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि “मैं पंजाब के किसानों का प्रतिनिधित्व करता हूं और संसद में हमेशा जोर-शोर से उनकी आवाज उठाता रहूंगा. मैंने राज्यसभा में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है, जो सरकार को इस मुद्दे पर बहस करने के लिए मजबूर करेगा. मैं अपनी आखिरी सांस तक किसानों के अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा."
राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार को एमएसपी की समिति में पंजाब के विशेषज्ञों और किसानों को शामिल करना चाहिए, क्योंकि पिछली सरकारों द्वारा गठित समितियों में शामिल किये विशेषज्ञों और किसान संगठनों ने सिफारिश की थी कि एमएसपी निर्धारित करने के लिए गणना और प्रक्रिया को संशोधित और सुधार की आवश्यकता है.
राघव चड्ढा ने “एम.एस. स्वामीनाथन की सिफारिशों का हवाला देते हूए कहा कि A2+एफएल फॉर्मूला को C2 के C2 + 50% फार्मूला के साथ संशोधित करने की आवश्यकता है. व्यापक लागत (सी2) उत्पादन की वास्तविक लागत है, क्योंकि यह ए2+एफएल दर के अलावा किसानों की भूमि और मशीनरी के किराए और ब्याज का हिसाब रखती है. स्वामीनाथन समिति के अनुसार, एमएसपी की गणना के लिए आदर्श सूत्र 'एमएसपी = सी2+सी2 का 50%' होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यनमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में वह किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा संसद में हमेशा पंजाब के किसान और आम जनता के मुद्दे उठाते रहेंगे.
Source : News Nation Bureau