एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मंगलवार को लोकसभा में दिल्ली में हुए दंगों पर चर्चा का विरोध करने के लिए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला, क्योंकि इससे शांति भंग होगी. उन्होंने कहा कि सांसदों को बोलने से रोका नहीं जा सकता. उनकी ये टिप्पणी तब आई है, जब एक दिन पहले ही उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) बुलाई गई एक बैठक में हिस्सा लिया था.
स्पीकर सदन को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए सभी दलों के साथ बातचीत करना चाहते थे, क्योंकि बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले ही दिन दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ था.
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ओवैसी ने ट्वीट की सीरीज जारी करते हुए कहा, "मैंने स्पीकर द्वारा बुलाई गई सभी पार्टी मीटिंग में हिस्सा लिया. संसद में 2002 के गुजरात दंगों पर चर्चा हुई. अब सरकार दिल्ली में हुए नरसंहार पर चर्चा का विरोध कर रही है, क्योंकि इससे शांति भंग होगी."
उन्होंने आगे कहा कि बहस सदन के नियम और प्रक्रिया के तहत होती है. यदि कोई उनका उल्लंघन करता है तो उसे रिकॉर्ड से बाहर कर दिया जाना चाहिए. लेकिन सांसदों को बोलने से रोका नहीं जा सकता. प्रभावितों से मिलने जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए मैं भी तैयार हूं जो."
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उन्होंने जल्द से जल्द लोकसभा के उपसभापति की नियुक्त करने की भी मांग की. विपक्षी सदस्यों द्वारा इस मुद्दे पर हंगामे के बाद लोकसभा को कुछ घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया. विपक्षी सदस्यों द्वारा दिल्ली में हुए दंगों पर बहस की मांग करने पर लोकसभा कई बार स्थगित की गई. इस हिंसा में 46 लोग मारे गए और 263 घायल हुए.