तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक बृहस्पतिवार को बेनतीजा रही. लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने पर जोर देते रहे. इस दौरान उन्होंने सरकार की तरफ से उपलब्ध कराए गए दोपहर का भोजन, चाय और पानी की पेशकश को भी ठुकरा दिया. सरकार ने अपनी ओर से लगभग 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया कि उनकी सभी वैध चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और गड़बड़ियों को सामने रखा. इन कानूनों के बारे में किसान नेताओं का कहना था कि इन्हें जल्दबाजी में सितंबर में पारित किया गया.
कृषि मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी कि किसानों की शंकाओं को कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दूर किया. तोमर ने किसानों के साथ बातचीत में सरकार की अगुवाई की. इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को चिंता है कि नया कानून APMC को खत्म कर देगा, लेकिन ऐसा भी कुछ नहीं है. मोदी सरकार APMC को सशक्त बनाने के लिए विचार करेगी. उन्होंने आगे कहा कि MSP में कोई बदलाव नहीं होगा. एमएसपी जारी है और आगे भी जारी रहेगा.
नरेंद्र सिंह तोमर ने यह भी कहा कि छोटे किसानों की जमीन के डर को दूर करने के लिए सरकार तैयार है. बिल में कानूनी संरक्षण पहले से है. तोमर ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि अगली बैठक शनिवार को दोपहर दो बजे होगी. एक सरकारी सूत्र ने कहा कि बैठक शनिवार को फिर से शुरू होगी क्योंकि समय की कमी के कारण आज की बैठक में किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका.
नारेबाजी करते हुए सभा स्थल से बाहर आए किसान नेताओं ने कहा कि वार्ता में गतिरोध बना हुआ है. इन किसान नेताओं में से कुछ ने धमकी दी कि बृहस्पतिवार की बैठक में कोई समाधान नहीं निकला तो आगे की बैठकों का बहिष्कार किया जाएगा. बैठक में उपस्थित 40 किसान नेताओं ने सरकार की तरफ से पेश दोपहर के भोजन को लेने से इनकार कर दिया और सिंघू बार्डर से एक वैन में लाए गए भोजन को खाना पसंद किया, जहां उनके हजारों सहयोगी नए कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं. उन्होंने बैठक के दौरान चाय और पानी की पेशकश को भी स्वीकार नहीं किया.
Source : News Nation Bureau