बिहार के मुजफ्फरपुर कांड मामले में सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के बेटे को बालिका आश्रय गृह पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया। जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने करीब 12 घंटों तक राहुल से पूछताछ की। पूछताछ के बाद सीबीआई बालिका गृह से राहुल को लेकर निकल गई। सीबीआई की टीम बालिका गृह में अपने साथ जेसीबी मशीन लेकर पहुंची थी।इससे पहले भी जेसीबी मशीन से खुदाई की गई थी, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ था। इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि आश्रय गृह में फिर से खुदाई की जा सकती है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने सेंट्रल फॉरेसिंक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) के अधिकारियों के साथ मिलकर शनिवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बालिका गृह की तलाशी ली थी।
#MuzaffarpurShelterHome: Central Bureau of Investigation (CBI) detains accused Brajesh Thakur's son after questioning him, earlier today. pic.twitter.com/WDQQVzoK0r
— ANI (@ANI) August 11, 2018
ब्रजेश ठाकुर का बेटा हिंदी दैनिक 'प्रात: कमल' का प्रकाशक और संपादक है जो उसके आवासीय परिसर और आश्रय गृह के अंदर ही स्थित है। केंद्रीय जांच ब्यूरो के डीआईजी अभय कुमार के नेतृत्व में टीम सशस्त्र कमांडो के साथ ठाकुर के आवास पर पहुंची।
मुजफ्फरपुर कांड को लेकर कई चौंका देने वाले खुलासे सामने आ रहे है। बिहार पुलिस को शनिवार को ब्रजेश ठाकुर के पास से 40 मोबाइल फोन नंबर की सूची मिली है।
पुलिस ने कहा कि अधिकारियों ने ठाकुर को उस जगह पर देखा जहां लोग कैदियों से मिलने आते हैं। वहां से उन्हें हाथ से लिखी दो पर्चियां मिलीं जिसमें 40 मोबाइल नंबर और नाम लिखे थे। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि सूची में एक मंत्री सहित कई प्रमुख लोगों के नाम हैं।
बिहार पुलिस ने शनिवार को दर्जन भर जेलों में छापा कर तलाशी ली जहां से कई आपत्तिजनक चीजें बरामद की गई है। मुजफ्फरपुर का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को दो जून को गिरफ्तार किया गया था। सिर्फ पांच दिन जेल में रहे ब्रजेश ठाकुर को सवासथय कारणों से कैदी वार्ड की जगह मेडिकल वार्ड में रखा गया है।
पटना हाई कोर्ट इस मामले की सीबीआई जांच की निगरानी कर रहा है।
कैसे आया मामला सामने ?
गौरतलब है कि 'सेवा संकल्प एवं विकास समिति' द्वारा संचालित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों से दुष्कर्म की बात एक सोशल अडिट में सामने आई थी। बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला सामने आया था।
इस सोशल अडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
(इनपुट: आईएएनएस)
Source : News Nation Bureau