बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौनाचार मामले को लेकर कई चौंका देने वाले खुलासे सामने आ रहे है। इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ लोगों में रोष है।
कोर्ट में पेशी के लिए जा रहे ब्रजेश ठाकुर पर जन अधिकार पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने स्याही फेंक दी। इसके बाद अदालत परिसर में अफरा-तफरा का माहौल पैदा हो गया। हालांकि , बाद में कोर्ट की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया।
मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वह कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते थे, इस कारण उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है। ठाकुर के इस बयान के बाद राज्य की सियासत में उबाल हो गया और इसके साथ कांग्रेस ने इस बयान को हास्यपद बताया।
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बालिका आश्रय गृह मामले में गिरफ्तार ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपियों को पेशी के लिए मुजफ्फरपुर अदालत में लाया गया था।
इसके साथ ही मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले विपक्ष के बढ़ते दबाव के बाद जेडीयू की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया।
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गौरतलब है कि 'सेवा संकल्प एवं विकास समिति' द्वारा संचालित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों से दुष्कर्म की बात एक सोशल अडिट में सामने आई थी। बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला सामने आया था।
इस सोशल अडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
Source : News Nation Bureau