समाजवादी पार्टी (एसपी) में हाशिये पर रहने के बाद हाल में समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा का गठन करने वाले उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने सोमवार को कहा कि उन्हें 'नेताजी' यानी अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि एसपी में मुलायम और अपने साथ हुए 'अपमान' के बाद उन्हें मजबूरन अलग पार्टी बनानी पड़ी।
अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की अपनी पार्टी की तैयारियों पर शिवपाल ने यहां पीटीआई को बताया, 'हम समान विचारधारा वाली छोटी पार्टियों के साथ मिलकर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हम समाजवादी और सेक्यूलर मूल्यों के साथ चुनाव में उतरेंगे और सामाजिक न्याय की लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे।'
यह पूछे जाने पर कि क्या एसपी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का समर्थन उन्हें प्राप्त है, इस पर पूर्व मंत्री ने कहा, 'जी हां, 'नेताजी' का आशीर्वाद हमारे साथ है।'
शिवपाल से जब पूछा गया कि उत्तर प्रदेश में पहले से कई बड़ी पार्टियां होने के कारण सेक्यूलर मोर्चा चुनावी रेस में अपनी जगह कैसे मजबूत करेगा, इस पर उन्होंने कहा, 'हमारी लड़ाई को किसी गठबंधन या पार्टी विशेष के संदर्भ में मत देखें। अगर आपकी बात मानें तो ऐसे में तो भारत में सिर्फ दो दल होने चाहिए।'
चुनाव नजदीक आते-आते आप किसी अन्य पार्टी में विलय तो नहीं कर लेंगे, इस सवाल पर शिवपाल ने कहा, 'नहीं, इसका तो सवाल ही नहीं उठता। अगर हमें किसी अन्य दल में जाना होता तो न हमारे पास प्रस्तावों की कमी थी और न ही अवसरों की।'
क्या इस अलगाव का फायदा किसी तीसरे पक्ष को मिलेगा, इस पर एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल ने कहा, 'एसपी को एकजुट रखने के लिए मैं जो कुछ कर सकता था, मैंने किया। एसपी अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है। लाखों प्रतिबद्ध मेहनती समाजवादी कार्यकर्ताओं को अपमानित एवं उपेक्षित किया गया। नेताजी का और हमारा भी समय-समय पर अपमान किया गया। एसपी को उसकी मूल विचारधारा की ओर लौटाने के मेरे सारे प्रयास व्यर्थ साबित हुए।'
उन्होंने कहा, 'जहां तक तीसरे पक्ष को लाभ का सवाल है, हम इस पर नहीं सोच रहे। सोचना भी नहीं चाहिए। मुझे सिर्फ इतना पता है कि आज उत्तर प्रदेश की राजनीति में सबसे सशक्त विकल्प और पक्ष सेक्युलर मोर्चा है और हम उसे जनता के बीच लेकर जा रहे हैं।'
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शिवपाल ने कहा कि सेक्यूलर मोर्चा के गठन का निर्णय बहुत सोच-समझकर, सभी सेक्यूलर समाजवादी विचारधारा के अनुभवी लोगों से विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि अपनी मूल विचारधारा एवं सिद्धांतों से भटकी एसपी में रहकर सिद्धांतों से समझौता करना अब संभव नहीं है।
Source : News Nation Bureau