मुंबई के आरे फारेस्ट मामले में गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को जमानत दे दी गई है. इसके पहले शनिवार को बॉम्बे हाइकोर्ट (Bombay High Court) के जज ने आरे (Aarey) में पेड़ो की कटाई पर रोक के संबंधी याचिका (plea) की तुरंत सुनवाई (immediately hear) से इंकार (refuses) कर दिया था. बॉम्बे हाईकोर्ट के कल के आदेश के बाद जारी कटाई को रोकने के संबंध में याचिकाकर्ता जस्टिस एस. सी धर्माधिकारी के सामने पहुंचे थे. जस्टिस एस. सी धर्माधिकारी ने याचिकर्ताओं को चीफ जस्टिस (chief justice) के सामने जाने की हिदायत दी थी. जस्टिस ने शुक्रवार को इन्हीं याचिकाकर्ताओं की याचिका खारिज कर दी थी. इसके साथ ही पेड़ो की कटाई की अनुमति दे दी थी. इसके बाद अदालत के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 29 लोगों को न्यायिक हिरासत में ले लिया था.
Mumbai's #AareyForest matter: Bail has been granted to the 29 protesters who were arrested from Aarey, under various sections of the Indian Penal Code for disturbing public order & obstructing govt officials from performing their duties.
— ANI (@ANI) October 6, 2019
मुंबई (mumbai) की आरे कॉलोनी में 2500 पेड़ों की कटाई को लेकर विवाद शुरू हो गया इस मामले में शिवसेना और बीजेपी आमने सामने आ गए हैं. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने कहा कि मेरे लिए आरे कॉलोनी सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है. उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि आरे कॉलोनी को लेकर आज जो कुछ भी हो रहा है, जो कुछ भी हो रहा था और जो कुछ भी भविष्य में होगा, मैं विस्तृत और गहन जानकारी ले रहा हूं कि स्थिति क्या है और इस मुद्दे पर मजबूती से और सीधे बात करेंगे. महाराष्ट्र में हमारी सरकार आने वाली है. अगर हमारी सरकार एक बार फिर से सत्ता में आती है तो हम तय करेंगे कि पेड़ों के हत्यारों का क्या करना है.
वहीं, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को सही ठहराया है. उन्होंने कहा, दिल्ली में 271 मेट्रो (Delhi Metro) स्टेशन हैं. इनके लिए दिल्ली में भी पेड़ काटे गए थे. लेकिन अब राजधानी में पेड़ों की संख्या और ज्यादा बढ़ाई गई है. यही विकास और प्रकृति का पोषण है. हाईकोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा है कि ये वनक्षेत्र नहीं है. जब दिल्ली में पहला मेट्रो स्टेशन बना था, तब भी पेड़ काटे गए थे, उस समय भी लोगों ने विरोध किया था. लेकिन एक पेड़ काटा गया तो 5 पेड़ लगाए भी गए. इसलिए आज हमारा 'ट्री कवर' बढ़ा है.
जानिए क्या है आरे कॉलोनी
मुंबई के उपनगर गोरेगांव में स्थित आरे कॉलोनी महानगर के बीचोबीच स्थित एक हरित पट्टी है. यह हरित पट्टी 16 वर्ग किलोमीटर में स्थित है ये मुंबई महानगर को दुग्ध आपूर्ति करने वाले पशुओं को रखने के लिए साल 1949 में विकसित की गई थी. इसका एक सिरा संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा है, तो एक सिरे पर पवई लेक, तुलसी लेक और विहार लेक जैसी बड़ी-बड़ी तीन झीलें भी हैं.
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आरे कालोनी के 2,646 पेड़ काटे जाने हैं
मुंबई मेट्रो रेल कार्पोपेशन लिमिटेड इसी आरे कॉलोनी के एक हिस्से पर मेट्रो फेज तीन के लिए कारशेड बनाने जा रही है, जिसके लिए 2,646 पेड़ों को काटे जाने की योजना है. पर्यावरणविद् इसका विरोध कर रहे हैं.
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बांबे हाईकोर्ट ने खारिज की याचिकाएं
बांबे हाईकोर्ट में आरे कालोनी में पेड़ों की कटाई रोकने के लिए दायर की गईँ चारों याचिकाओं का खारिज कर दिया है. जस्टिस प्रदीप नंदराजोग एवं जस्टिस भारती डांगरे ने आरे कॉलोनी को वनक्षेत्र घोषित करने एवं मेट्रो कारशेड के लिए मिली मंजूरी को रद करने के लिए दायर चारों याचिकाएं खारिज कर दी हैं. हाई कोर्ट ने एक याचिका दायर करनेवाले शिवसेना सभासद पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जाधव स्वयं बीएमसी के उस वृक्ष प्राधिकारण के सदस्य हैं, जिसने 2646 पेड़ काटने की मंजूरी दी है.
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HIGHLIGHTS
- आरे कालोनी मामला: गिरफ्तार 29 लोगों को मिली जमानत
- शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने किया था तुरंत सुनवाई से इंकार
- आरे मामले पर चढ़ा सियासी पारा शिवसेना-बीजेपी आमने-सामने