बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ रुपये का लोन लेकर फरार शराब कोरोबारी विजय माल्या को मुंबई की विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन पर जवाब देने के लिए 3 हफ्तों का समय दिया है। भगोड़ा घोषित हो चुके विजय माल्या पर प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से भगोड़ा आर्थिक अपराध अधिनयम के तहत मामला दर्ज किया है और कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है।
माल्या को अब मामले की जांच करे रहे प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन पर 24 सितंबर तक अपना जवाब देना होगा। माल्या के जवाब देने के बाद ही अदालत इस पर आगे सुनवाई करेगी। हालांकि कोर्ट में ईडी ने माल्या को समय दिए जाने का विरोध किया और दलील दी की नए कानून के मुताबिक आरोपी को ईडी के आवेदन पर जवाब देने के लिए और ज्यादा वक्त नहीं दिया जा सकता है।
भारत में माल्या की संपत्ति जप्त कर चुकी है ED
वहीं माल्या के ही मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने बेंगलुरू पुलिस को माल्या की बची हुई तमाम संपत्तियों की जानकारी का आदेश दिया था। इससे पहले ईडी ने माल्या की करीब 159 संपत्तियों के जब्त करने की प्रक्रिया पर स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल की थी।
बेंगलुरू पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में जो रिपोर्ट दाखिल की थी, उसके अनुसार पुलिस ने विजय माल्या की 159 प्रॉपर्टी की पहचान की गई है। साथ ही अन्य संपत्तियों की पहचान के लिए और समय मांगा था।
सभी संपत्ति जप्त होने के डर से कर्ज चुकाने को तैयार विजय माल्या
विजय माल्या ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे पत्र के खुलासे को लेकर एक बार फिर से बयान जारी करते हुए कहा था कि वो सभी बैंकों के कर्ज़ चुकाने को तैयार है लेकिन इसमें उसे न्यापालिका की मदद चाहिए।
माल्या ने कहा कि कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि इस पत्र का ज़िक्र अब क्यों? मैं बता दूं कि मैंने 22 जून 2018 को कर्नाटक हाईकोर्ट में बयान दर्ज़ कर कहा था कि मैं अपनी संपत्ति बेच कर बैंक के सभी कर्ज़ चुकाना चाहता हूं।
माल्या ने आगे कहा था, 'हमने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वो न्यापालिका की देखरेख में हमारी संपत्ति बेचने का आदेश जारी करें ताकि मैं बैंक के क़रीब 13,900 करोड़ रुपये का कर्ज़ अदा कर सकूं। सीबीआई और ईडी जैसी आपराधिक एजेंसियां अगर संपत्ति बेचने में बाधा उत्पन्न करती है तो मतलब साफ है कि वो मुझे बैंक डिफॉल्ट के 'पोस्टर बॉय' के तौर पर पेश करने के एजेंडे के तहत काम कर रही हैं।'
माल्या ने आगे कहा, 'मैं बैंक के भरोसा रखने के लिए आगे भी कोशिश करता रहूंगा लेकिन अगर राजनीतिक कारणों से मुझे निशाना बनाया गया तो मैं कुछ नहीं कर सकता।'
माल्या पर 19 बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज
बता दें कि माल्या पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) समेत देश के कुल 13 बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। 2 मार्च 2016 को देश से फरार हो चुके माल्या अभी लंदन में रह रहे हैं।
विजय माल्या ने कर्ज लौटाने को लेकर भारत सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के नेतृत्व में 17 बैंकों के समूह ने किंगफिशर एयरलाइंस को करीब 5,500 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। जिसके बाद 600 करोड़ रुपये की संपत्ति को बेचकर वसूला गया। इसके अलावा साल 2013 से 1,280 करोड़ रुपये जमा किया जा चुका है।
माल्या ने कहा, 'मैं बड़े अदब के साथ कहना चाहता हूं कि मैंने सरकारी बैंकों के सभी बकाए पैसे वापस करने के पूरे प्रयास किए हैं। अगर राजनीति से प्रेरित कोई फैक्टर इसमें शामिल होता है तो मैं कुछ भी नहीं कह सकता हूं।'
माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हुई है भारत सरकार
भारत में बैंकों का पैसा लेकर भागे विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत लाकर उस पर मुकदमा चलाने के लिए भारत सरकार ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की कोशिशों में जुटी हुई है। इस मामले में ब्रिटेन की कोर्ट की मांग पर भारत ने उस जेल का वीडिया भी वहां जमा कराया है जहां विजय माल्या को वापस लाने के बाद रखा जाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार यह वीडियो मुंबई की ऑर्थर रोड जेल के 12 नंबर बैरक का था। इसमें साफ देखा जा सकता है कि बैरक में पर्याप्त रोशनी है। यह बैरक इतना बड़ा है कि माल्या इसमें टहल भी सकते हैं। बैरक में नहाने की जगह, एक पर्सनल टॉयलेट और एक टेलिविजन सेट भी है।
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि माल्या को वहां साफ बिस्तर, कंबल और तकिया भी दिया जाएगा।
गौरतलब है कि ब्रिटेन की अदालत ने 31 जुलाई को भारतीय अधिकारियों से उस बैरक का विडियो बनाकर भेजने को कहा था जिसमें माल्या को रखने की योजना है। एक अधिकारी ने बताया कि माल्या को इनके अलावा दूसरे कैदियों की तरह लाइब्रेरी की सुविधा भी दी जाएगी।
क्या है आर्थिक भगोड़ा अधिनियम
यह कानून कहता है, 'जब्ती आदेश की तारीख से जब्त की गई सभी संपत्तियों का अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेगा।'
भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 राज्यसभा में 25 जुलाई को पारित हुआ था। लोकसभा ने इस विधेयक को 19 जुलाई को मंजूरी दी थी। इस कानून के तहत न्यूनतम 100 करोड़ रुपये की सीमा को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में संसद में कहा था कि इसके पीछे मकसद बड़े अपराधियों को पकड़ना है, अदालतों में मामले बढ़ाना नहीं। उन्होंने कहा था कि कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय जांच एजेंसी का काम करेगा।
कौन होता है भगोड़ा आर्थिक अपराधी
भगोड़ा आर्थिक अपराधी वह व्यक्ति होता है जिसके खिलाफ 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक मूल्य के चुनिंदा आर्थिक अपराधों में शामिल होने की वजह से गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया हो और वह आपराधिक अभियोजन से बचने को देश से बाहर चला गया हो।
Source : News Nation Bureau