कोरोना के पहले मुंबई के पास सिर्फ दो ऑक्सीजन प्लांट थे. इसमें से एक मुंबई के जोगेश्वरी स्थित ट्रॉमा सेंटर अस्पताल में लगा था, दूसरा कस्तूरबा अस्पताल में बना था.
ये दोनों ऑक्सिजन प्लांट मिलाकर कुल 3.3 MT (मेट्रिक टन्स) ऑक्सिजन Generate करते थे. मगर दूसरी लहर के दौरान मुंबई को करीब 235 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी. ये कभी-कभी बढ़कर 270 MT पहुंच जाता था. मुंबई के इस जरूरत को देखते हुए बीएमसी स्टैंडिंग कमिटी ने 18 अगस्त 2021 एक प्रोपोजल क्लियर किया. इसके तहत मुंबई में कुल 11 ऑक्सिजन प्लांट तैयार होने थे.
सितंबर 2021 तक मुंबई के अलग-अलग लोकेशन पर करीब 16 ऑक्सिजन प्लांट तैयार किए गए थे. इनमें कुल 41 से 42 MT ऑक्सिजन generate करने की क्षमता थी. इसके अलावा CSR फंड की मदद से 7 PSA (Pressure Swing Adsorption) प्लांट मुंबई के कस्तूरबा हॉस्पिटल, भाभा हॉस्पिटल, कूपर होस्पिटल, नेहरू सेंटर में लगाए गए थे जो कुल मिलाकर 6.93 MT ऑक्सीजन generate करते थे. मुंबई में ऑक्सिजन कि बाकी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राइवेट कंपनी से ऑक्सीजन लिया जाता था.
फिलहाल कोविड के समय में जो ऑक्सिजन प्लांट तैयार किये गए थे उनमें से ज्यादातर ऑक्सिजन प्लांट का कोई उपयोग नही हो रहा है.
Source : News Nation Bureau