मुंबई में हुए 26/11 हमले की 9वीं बरसी को याद करते हुए प्रत्यक्षदर्शी देविका ने कहा कि अगर कोर्ट रूम में क़साब की पेशी के दौरान उसके हाथ में बंदूक होती तो वो उसे गोली मार देती।
देविका ने कहा, 'जब मैंने कसाब को कोर्ट रूम में देखा तो काफी गुस्सा आया। मुझे लगा अगर मेरे हाथ में बंदूक होती तो मैं उसे वहीं मार देती। वैसे भी कसाब एक 'मामूली मच्छर' था, उम्मीद है बड़े आतंकियों को भी किसी दिन सजा मिलेगी।'
26/11 हमले में गोली लगने के बाद जिंदा बची देविका के पिता ने कहा, 'मेरी बेटी को जब गोली मारी गई उस वक्त वह सिर्फ 9 साल की थी। यह बहुत दर्दनाक था। हम खुश हैं कि आतंकी अजमल कसाब को फांसी पर लटका दिया गया, लेकिन हमें संतुष्टि तब मिलेगी जब पाकिस्तान में बैठे असली मास्टरमाइंड को भी सज़ा मिलेगी।'
बता दें कि कसाब 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले का एकमात्र मुख्य दोषी था जिसे ज़िदा पकड़ा जा सका था।
26/11 की घटना में अपने पिरवार के 6 सदस्यों को खोने वाले रहीम अंसारी बताते हैं, 'मैं इस घटना के बाद डिप्रेशन में चला गया था। मेरे रिश्तेदारों के पास बचने का कोई रास्ता नहीं था। मैं इस बात से काफी ख़ुश हूं कि इस आतंकी हमले में शामिल अपराधी या तो मारे जा चुके हैं या फिर सज़ा काट रहे हैं। हालांकि हाफ़िज सईद अभी भी पाकिस्तान में ज़िदा है। अच्छा होगा अगर भारत उसे भी अपनी गिरफ़्त में ले और सज़ा दे।'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों की नौंवी बरसी पर पीड़ितों को याद करते हुए कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए खतरा और वैश्विक बोझ बन गया है।
उन्होंने कहा कि भारत पिछले चार दशकों से वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के मुद्दे को उठाता रहा है।
उन्होंने कहा, 'शुरुआत में विश्व ने हमें गंभीरता से नहीं लिया लेकिन अब विश्व आतंकवाद के विध्वंसक पहलुओं को समझ रहा है।'
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मोदी ने कहा, 'पूरी दुनिया को एकजुट होकर मानवता के लिए घातक इस चुनौती से निपटने की जरूरत है।'
गौरतलब है कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में सिलसिलेवार हमले किए थे, जिसमें 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
बता दें कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद को 23 नवम्बर को ही पाकिस्तान की एक कोर्ट ने रिहा कर दिया था।
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Source : News Nation Bureau