देश के सबसे बड़े महानगर मुंबई में लाखों की संख्या में खुली घूमने वाली बिल्लियां लोगों के लिए समस्या बन चुकी हैं. अब इनकी आबादी पर नियंत्रण लगाने का फैसला किया गया है. ऐसा करने वाला मुंबई देश का पहला शहर होगा. जानवरों के लिए काम करने वाली सरकारी संस्था एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने अब इस समस्या से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार को बिल्लियों की नसबंदी के आदेश दिए हैं. जिस पर अमल करते हुए बीएमसी ने आवारा बिल्लियों के नसबंदी का फैसला लिया है.
देश के विभिन्न शहरों के स्थानीय प्रशासनों को आवारा कुत्तों, बिल्लियों और दूसरे घुमंतु पशुओं के बंध्याकरण से संबंधित एडवाइजरी पिछले साल अक्टूबर में जारी की गई थी. लेकिन बिल्लियों को लेकर इसे अमल करने वाला मुंबई पहला शहर है.
बीएमसी इससे पहले आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रित करने का कार्यक्रम सफलतापूर्वक चला चुकी है. उसके पास हर पांच साल में अवारा कुत्तों की आबादी के आंकड़े हैं. लेकिन बिल्लियों के तादाद पर नज़र रखने के लिए कोई व्यवस्था नही है. ऐसे में अचानक से बिल्लियों की तादाद सामने आने पर प्रशासन उन्हें काबू में करने के लिए व्यापक योजना बना रहा है. मुंबई की रिहायशी सोसायटियों में दर्जनों बिल्लियां मिलना आम है. इसे लेकर तमाम शिकायतें होती हैं. साल में दो बार गर्भ धारण करने की इनकी क्षमता की वजह से इनकी तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. इनके नसबंदी मुम्बई में अप्रैल से शुरू हो जाएगी. प्रत्येक बिल्ली की नसबंदी के लिए 600 से 800 रुपये का खर्च होने का अनुमान है.
Source : News Nation Bureau