सबने ये तो बहुत सुना होगा की लोग पैसे के लिए हर चीज़ छोड़ देते है लेकिन मुंबई में इस वाकया का बिल्कुल उलट हुआ है। यहां के हीरा व्यापारी ने अपनी करोड़ों की संपत्ति छोड़कर भिक्षु बन गए है।
हीरा कारोबारी यात्रिक जावेरी ने रविवार को जैन भिक्षु के रूप में 'दीक्षा' ले ली। पूरी जिंदगी मेहनत कर करोड़ो रूपये कमाने वाले जावेरी ने बताया कि उन्होंने ज्ञान पाने के लिए जैन भिक्षु की दीक्षा ली है।
जावेरी के चचेरे भाई ने कहा, 'उन्होंने (जावेरी) अपने लिए बहुत कुछ कर लिया है, अब वह समाज की सेवा करना चाहते हैं।'
59 साल के यात्रिक जावेरी, मोतीलाल दयाबाई जावेरी ऐंड संस के पार्टनर हैं जो मुंबई में सबसे पुरानी डायमंड फर्म में से एक है।
बता दे कि अभी हाल ही में सूरत के हीरा व्यापारी दीपेश शाह के 12 वर्षीय बेटे भव्य जैन और 24 साल के सीए मोक्षेश सेठ अपनी करोड़ों की संपत्ति छोड़कर जैन भिक्षु बने थे।
और पढ़ें: IIT के 50 पूर्व छात्रों ने जॉब छोड़कर बनाई राजनीतिक पार्टी, बहुजनों को आगे लाने का है लक्ष्य
Source : News Nation Bureau