दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के लिए मुनव्वर राणा ने सरकार को जिम्मेदार बताया है. शायर मुनव्वर राणा ने इस दौरान विवादित बयान भी दिया. उन्होंने कहा कि
सरकार खुद चाहती थी कि हिंसा हो, जिसके बाद किसानों को मारपीट कर भगा दिया जाए. लाल किले पर धार्मिक झंडे को फहराने पर मुन्नवर राणा ने कहा कि जब आरएसएस के मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहरता है तो कोई भी झंडा कहीं भी फहराया जाए क्या फर्क पड़ता है और अब लाल किला भी लाल किला नहीं रहा, वो डालकिला हो चुका है, क्योंकि सरकार ने उसे डालमिया को दे दिया है.
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बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार को इस आंदोलन को नहीं चलने देना है तो यहां से हमें गिरफ्तार करे. उन सभी ट्रैक्टर सवार किसानों का धन्यवाद जो यहां आए, उन्हें जो रूट दिया गया. उन किसानों को दिल्ली के चक्रव्यूह में फंसाया गया. राकेश टिकैत ने कहा कि जिन्होंने उल्टे सीधे ट्रैक्टर घुमाए उनसे हमारा कोई संबंध नहीं है. टिकैत ने कहा कि हिंसा का शब्द हमारी डिक्शनरी में ना है और ना रहेगा.
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अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्हें जाने दिया गया. उनके धार्मिक भावनाओं को भड़काकर एक धार्मिक ध्वज फहराया गया. लाल किले की प्राचीर पर जो गया उसकी तस्वीर किसके साथ है. राकेश टिकैत ने कहा कि यह वैचारिक लड़ाई है. वैचारिक क्रांति है. यह विचार से ही खत्म होगी, लाठी, डंडे से नहीं.
Source : News Nation Bureau