कोरोना ने पूरा देश को खौफ में ला दिया है. कोरोना के कहर ने अबतक कई लोगों को मौत की नींद सुला दी है. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन लगा हुआ है. लेकिन इस दौरान निजामुद्दीन मरकज की घटना पूरी तैयारी पर पानी फेर दिया. तबलीगी जमात के मरकज में लगभग 2 हजार लोग शामिल हुए थे. जिसमें विदेशी लोग भी शामिल थे. जो पहले से ही कोरोना संक्रमित थे. यह जमात लाखों लोगों की जिंदगियों के लिए नासूर बन गए.
इस मामले में राजनीति के साथ-साथ हिंदू-मुसलमान का भी मुद्दा गरमा गया है. इस बीच जाने-माने शायर मुनव्वर राना का ट्वीट सुर्खियों में है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि
जो भी ये सुनता है हैरान हुआ जाता है,
अब कोरोना भी मुसलमान हुआ जाता है।
इसके बाद कई यूजर्स ने उनको रिप्लाई करना शुरू कर दिया. एक यूजर्स ने लिखा है कि
लोग घरों में बंद हैं और वो जमात लगाए बैठे हैं,
अब जो बेपर्दा हुए तो मजहब बीच में घुसाए बैठे हैं!
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एक यूजर्स ने उनको जवाब देते हुए लिखा कि
जहां इबादत में हाथ उठने थे, वहां पत्थर उठाए बैठे हैं, जिन का अहसान मान लेना था, उन्हें गाली सुनाए बैठे हैं, इंसानियत की चिंता होती, तो यूं मजमा ना लगाते, अब जो बेपर्दा हुए, तो मजहब बीच में घुसाए बैठे हैं!
एक यूजर्स ने तो राहत इंदौरी की शायरी के तर्ज पर कोरोना की बात लिख डाली. उन्होंने लिखा कि
अगर चिढ़ते हैं तो चिढ़ने दो, मेहमान थोड़ी है,
ये सब हैं जाहिल, अब्दुल कलाम थोड़ी है।
फैलेगा कोरोना तो आएंगे घर कई ज़द्द में,
यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।
मैं जानता हूं देश उनका भी है लेकिन,
हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है।
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वहीं इस घटना पर अब हिंदू-मुसलमान भी खूब होने लगा है. इसका दोष कोई सरकार पर, तो कोई मुसलमान पर थोप रहा है. इसके दोषी जो भी हो, लेकिन यह कोरोना के खिलाफ लड़ाई को बिल्कुल खत्म कर दिया. इस जमात ने लाखों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया है. जमात में शामिल लोगों को चाहिए कि वे पुलिस का सहयोग करें. लेकिन उन्हें अस्पताल भेजने के लिए पुलिस मसक्कत कर रही है.