प्रमुख मुस्लिम नेताओं ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान (Zafarul Islam Khan) के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लेने की मांग की है, जिन पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. कई मुस्लिम नेताओं के हस्ताक्षर से जारी एक बयान में कहा गया है, "हम दिल्ली पुलिस द्वारा डॉ. जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ कार्रवाई की निंदा करते हैं. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की पक्षपातपूर्ण भूमिका एक बार फिर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई से उजागर हुई है."
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बयान में कहा गया है, "डॉ. खान के ट्वीट के कंटेंट से कोई असहमत हो सकता है. उन्होंने उस बारे में एक स्पष्टीकरण जारी किया था. लॉकडाउन के दौरान इफ्तार के समय से ठीक पहले एक अर्धन्यायिक संस्था के प्रमुख के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई यह बताती है कि पुलिस किस हद तक गिर सकती है."
बयान में आरोप लगाया गया है कि पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान जान-माल के नुकसान के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने में विफल रहने के बाद, दिल्ली पुलिस मुसलमानों को निशाना बना रही है.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख जफरुल इस्लाम खान ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अग्रिम जमानत याचिका दायर की और कहा कि वह दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एक शिकायत में अपनी गिरफ्तारी को लेकर सशंकित हैं.
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खान के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक बयान के लिए राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. खान ने वकील वृंदा ग्रोवर के माध्यम से याचिका दायर की है. वकील के मुताबिक अदालत इस याचिका पर 12 मई को सुनवाई करेगी.
Source : IANS