हैदराबाद में एक मुस्लिम महिला ने अपने ओमानी पति से फोन पर तलाक मिलने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुहार लगाई है।
इस मामले में तेलंगाना सरकार ने संज्ञान लिया है।
पुराने हैदराबाद की निवासी गोसिया बेगम ने बताया, '2008 में मेरी शादी ओमान देश के नागरिक 60 वर्षीय ज़ाहरान अल राझी के साथ हुई थी। मुझसे शादी करने के बाद उसने अपने देशों के सभी नियमों-कायदों को पूरा करने के बाद उसने मेरे लिए हैदराबाद में एक घर खरीदा और मुझे धोखा दिया।'
उसने कहा, 'मेरे पति हैदराबाद आते थे और मेरे साथ रहते थे। वह 16-17 हज़ार रुपये प्रति महीना मुझे ओमान से भेजते थे। 15 अगस्त 2017 में उसने मुझे फोन पर तलाक दे दिया। मैंने उससे संपर्क स्थापित करने की कोशिश की लेकिन वह मुझसे बात नहीं कर रहे नहीं मेरा फोन उठा रहे है।'
गोसिया ने स्वराज और तेलंगाना सरकार से मदद की अपील की है। उसने कहा, 'मैं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और तेलंगाना सरकार से न्याय की अपील करती हूं और उसने इस संबंध में पूछताछ किए जाने की अपील करती हूं।'
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सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए तलाक-ए-बिद्दत को असंवैधानिक करार दिया था। इसके बाद 15 दिसंबर को तीन तलाक के खिलाफ मोदी सरकार की कैबिनेट ने बिल लाने पर मंजूरी जताई थी।
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद लोकसभा में इस मुद्दे पर बिल पेश करने वाले हैं। बिल के मसौदे के मुताबिक, 'अपनी पत्नी के खिलाफ शब्दों, लिखे हुआ या बोला हुआ या फिर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दिया गया तलाक गैरकानूनी और असंवैधानिक माना जाएगा।'
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इसके साथ ही ऐसा भी प्रस्ताव है कि ऐसा करने वाले को 1 साल की जेल का प्रावधान रखा गया है, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। ड्राफ्ट बिल के मुताबिक तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को मेंटेननेंस का भी अधिकार दिया गया है।
इसके अलावा तलाकशुदा महिलाओं को अपने नाबालिग बच्चों को भी अपने साथ रखने का अधिकार देने का प्रावधान है। इस बिल के तहत यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा। तीन तलाक का यह कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू होगा।
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Source : News Nation Bureau