उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के मामले में वहां की एक स्थानीय अदालत ने मंत्री सुरेश राणा और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक संगीत सोम और सासंद भारतेन्दु सिंह के खिलाफ गैर जमानती वॉरन्ट को रद्द कर दिया है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मधु गुप्ता ने इस गैर जमानती वॉरन्ट को रद्द कर दिया। जिन चार लोगों के खिलाफ वॉरन्ट को रद्द किया गया है उसमें सुरेश राणा, संगीत सोम, भारतेन्दु सिंह और चंद्र पाल शामिल हैं।
इन सभी के खिलाफ वॉरन्ट राज्य सरकार की अनुमति से जारी किया गया था। सरकार ने 15 नवंबर को वॉरन्ट जारी किया था। दंगा साल 2011 में हुआ था।
वकील ने याचिका दायर कर कहा कि उन्हें पहले ही आईपीसी की धारा 153 ए के तहत जमानत दे दी गई है। बचाव पक्ष के वकील ने अदालत में मांग की थी कि इनके गैर जमानती वॉरन्ट को रद्द कर दिया जाए।
इससे पहले एसआईटी ने आरोप लगाया था कि इन आरोपियों ने 2013 की महापंचायत में भाग लिया था और अगस्त 2013 के आखिरी सप्ताह में अपने भाषणों के माध्यम से हिंसा फैलाई।
आरोपियों के खिलाफ कथित रूप से कानून का उलंघन करने, सरकारी कर्मचारियों को काम न करने देने और गलत गतिविधियों में सम्मिलित होने के आरोप में मामला दर्ज है।
गौरतलब है कि अगस्त और सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा की वजह से 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 40,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए थे।
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Source : News Nation Bureau