बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर जिले के आश्रय गृह की 34 नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। राज्य के सामाजिक कल्याण विभाग ने इस आधार पर इन छह सहायक निदेशकों को निलंबित किया है।
आश्रय गृह में बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार की सूचना मिलने के बाद कोई कार्रवाई न करने पर इन अधिकारियों के खिलाफ यह कदम उठाया गया है।
यह अधिकारी मुजफ्फरपुर, मुंगेर , अररिया , मधुबनी , भागलपुर और भोजपुर जिलों के थे।
Bihar: Following #MuzaffarpurShelterHome case, Social welfare department assistant directors of Bhojpur, Munger,Araria, Madhubani and Bhagalpur have been suspended. Action was taken after TISS social audit report
— ANI (@ANI) August 5, 2018
सीबीआई मुजफ्फरपुर कांड की जांच कर रही है।
मुजफ्फरपुर कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के हथियारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। मुजफ्फरपुर के एक अधिकारी ने बताया, 'जिलाधिकारी मोहम्मद सोहैल ने नगर थाना से जारी ब्रजेश ठाकुर के एक पिस्तौल और एक राइफल का लाइसेंस निलंबित कर दिया और दो दिनों में इन हथियारों को जमा करने का आदेश दिया गया है।'
बता दें कि कल दिल्ली के जंतर-मंतर से आरजेडी नेता तेजश्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला। जंतर-मंतर पर धरने प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता मौजूद थे।
मुजफ्फरपुर जिले में एक आश्रय गृह में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ हुए दुष्कर्म के खिलाफ इस संयुक्त विरोध प्रदर्शन का आयोजन बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने किया था।
आरजेडी नेता लालू प्रसाद के पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा कि यह जघन्य अपराध महिलाओं और पीड़ितों की हिफाजत करने में सरकार की विफलता का एक संकेत है।
घटना कैसे हुई उजागर
मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला तब प्रकाश में आया, जब बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें आश्रय गृह की बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया। इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
नीतीश कुमार ने तोड़ी चुप्पी
शुक्रवार को मुजफ्फरपुर कांड पर पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ते हुए इसे शर्मनाक बताया। नीतीश कुमार ने कहा कि इस घटना ने शर्मसार किया और पीड़ा पहुंचाई है। उन्होंने बिहार के लोगों को यह भी भरोसा दिलाया कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस आश्रय गृह दुष्कर्म मामले की जांच अपने हाथों में ले ली।
इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा है।
(इनपुट- आईएएनएस)
Source : News Nation Bureau