बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम (Muzaffarpur Shelter Home case) में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को फटकार लगाई है. शेल्टर होम मामले में दोबारा गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खेल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आपको पता नहीं कि आपने क्या किया है. इस मामले में नाराज़ कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि आपने 31 अक्टूबर को कहा था कि एके शर्मा जांच टीम के सीनियर मोस्ट अफसर होंगे. तो फिर जांच की निगरानी कर रहे एके शर्मा का ट्रांसफर क्यों किया गया?.'
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि सीबीआई के वकील ने सूचित किया कि एम नागेश्वर राम समेत 2 अधिकारी एक शर्मा के ट्रांसफर में शामिल थे.
इसें भी पढ़ें: अल्पसंख्यकों के सम्मेलन में कांग्रेस का वादा, सत्ता में आए तो तीन तलाक कानून खत्म करेंगे
चीफ जस्टिस गोगोई ने इसपर नाराजगी जताते हुए सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को तलब किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागेश्वर राव ने एके शर्मा का ट्रांसफर कर अवमानना की है. 12 फरवरी को नागेश्वर राव व अन्य अफसर पेश होंगे.
बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामला बिहार से नई दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश देते हुये कहा कि बहुत हो गया और बच्चों से इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता. शीर्ष अदालत ने बिहार में मुजफ्फरपुर के अलावा 16 अन्य आश्रय गृहों के प्रबंधन पर असंतोष व्यक्त करते हुये नीतीश सरकार को आड़े हाथ लिया और उसे चेतावनी दी कि उसके सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर राज्य के मुख्य सचिव को बुलाया जायेगा.
क्या है पूरा मामला
मुंबई स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस की एक रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ था. इंस्टिट्यूट ने सूबे की सरकार को सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में बच्चियों के साथ मुजफरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटना सामने आई थी. बच्चियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.
(इनपुट एजेंसी)
Source : News Nation Bureau