मुजफ्फरपुर शेल्टर होम (बालिका गृह) में 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने शनिवार को कहा कि उसकी जान को खतरा है, क्योंकि जेल में उसे बागी माओवादियों के साथ रखा गया है। ठाकुर ने स्थानीय अदालत को बताया, 'जेल में मेरी जान को खतरा है।'
आरोपी को मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत के सामने पेश किया गया।
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लेकिन अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि यह कारागृह का मामला है।
ठाकुर दो जून से मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा में बंद है। उसे इसी सप्ताह अस्पताल से आने के बाद बंदी वार्ड में भेजा गया।
बिहार सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग की ओर से प्राथमिकी दर्ज करए जाने के बाद मुजफ्फरपुर दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया। शेल्टर होम में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज, मुंबई की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण के बाद पेश सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी।
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बता दें कि मुजफ्फरपुर जिले के शेल्टर होम में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। पुलिस के अनुसार, मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की एक टीम ने राज्य के सभी बालिका गृहों का सोशल ऑडिट किया था। टीम ने 26 मई को उसकी रिपोर्ट बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को भेजी, जिसमें यह मामला सामने आया। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर है।
Source : IANS