महामारी कोरोनावायरस संक्रमण खतरे के बीच भारत में घुसपैठियों की घुसपैठ भी बढ़ गई है. भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य शासन लगातार निरंकुश होता जा रहा है. सैन्य शासन से बचने के लिए कई लोग सीमा पार कर भारतीय राज्य मिजोरम में भी दाखिल हुए हैं. मिजोरम की सरकार ने इन लोगों को अस्थाई तौर पर शरण भी दी है और इनके खाने-पीने का इंतजाम भी किया है. हालांकि भारत सरकार के आधिकारिक बयान में सरकार ने इनको शरणार्थी नहीं माना है. पिछले माह ही म्यांमार की सैन्य सरकार द्वारा मिजोरम राज्य को लिखे गए एक पत्र में म्यांमार के नागरिकों को भारत से वापस किए जाने की मांग की गई थी. इस पत्र में भारत और म्यांमार के बेहतर रिश्तों का हवाला भी दिया गया था.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के एक प्रवक्ता ने कहा कि म्यांमार के तकरीबन 4,000 से 6,000 शरणार्थियों ने भारत में सुरक्षा मांगी है. संयुक्त राष्ट्र ने फरवरी में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से विस्थापितों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता भी जताई.
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संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) ने कहा कि पिछले हफ्ते तक म्यांमार में तकरीबन 60,700 महिलाएं, बच्चे और पुरुष देश में ही विस्थापित हुए. महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बुधवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मार्च और अप्रैल में 1,700 से अधिक शरणार्थी थाइलैंड में गए, जिनमें से ज्यादातर बाद में म्यांमार लौट आए और तकरीबन 4,000 से 6,000 शरणार्थियों ने भारत में सुरक्षा मांगी.
दुजारिक ने कहा कि म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद से बढ़ते विस्थापन को लेकर बहुत चिंतित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘तब से देश में नागरिकों के खिलाफ व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई है. सीमावर्ती इलाकों में म्यांमार सशस्त्र बलों और जातीय सशस्त्र संगठनों के बीच झड़पें तेज हुई है.’’
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पड़ोसी देश म्यांमारर की सीमा से सटे चार पूर्वोत्तर राज्यों मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश को घुसपैठ की घटनाओं को लेकर सतर्क किया और कहा कि ऐसी सूरत में वे कानून के मुताबिक कार्रवाई करें. म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से बड़े पैमाने पर लोगों का विरोध-प्रदर्शन जारी है.
अधिकारियों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक पत्र में पूर्वोत्तर के चार राज्यों को म्यांमार सीमा पार से सरकारी अधिकारियों और आम नागरिकों के अवैध प्रवेश को लेकर आगाह किया और ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए सभी सावधानियां बरतने के निर्देश दिए. मंत्रालय के उपसचिव (NE III) कृष्ण मोहन उप्पू ने अपने खत में कहा कि म्यांमार के आंतरिक हालात के चलते भारत-म्यांमार सीमा से भारतीय क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध एंट्री की आशंका है और अब यह शुरू हो चुका है.