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कितनी रहस्यमयी है 'भोले बाबा' की दुनिया? कहां-कहां आश्रम, कितनी संपत्ति के हैं मालिक, जानिए- सबकुछ

Hathras stampede: 'भोले बाबा' अपने प्रवचनों में सफेद थ्री पीस सूट-बूट और महंगे चश्मे पहने में दिखता है. बताया जाता है कि बाबा के पास लग्जरी कारों का काफिला है. सवाल उठता है कि 'भोले बाबा' की दुनिया कितनी रहस्यमयी है?

Updated on: 03 Jul 2024, 06:40 PM

New Delhi:

Hathras stampede: हाथरस भगदड़ हादसे के बाद से ही नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा अंडरग्राउंड है. यूपी पुलिस चप्पे-चप्पे में उसकी तलाश में जुटी हुई. ये बाबा अन्य साधु, संन्यासियों और बाबाओं से बिल्कुल अलग है, क्योंकि उनकी गेरुआ वस्त्र, धोती-कुर्ता पहनने और साधा जीवन जीने में यकीन नहीं रखता है. साकार हरि अपने प्रवचनों में सफेद थ्री पीस सूट-बूट और महंगे चश्मे में दिखता है. बताया जाता है कि बाबा के पास लग्जरी कारों का काफिला है. साथ ही कई आश्रम भी हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में बताई जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि 'भोले बाबा' की दुनिया कितनी रहस्यमयी है?

बाबा पर दर्ज हो FIR: NCW

हाथरस सत्संग में हुए दर्दनाक हादसे के बाद से बाबा का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. पुलिस यूपी के 6 जिलों बदायूं, फर्रुखाबाद, हाथरस, अलीगढ़, कासगंज और एटा में दबिश दे रही है. इससे पहले पुलिस बाबा नारायण साकार के मैनपुरी वाले रामकुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट आश्रम में ढूंढ चुकी है. लेकिन पुलिस के हाथ बाबा अभी तक नहीं लग पाया है. बाबा के इस किलेनुमा आश्रम के बाहर पुलिस अभी तैनात है. हालांकि 'भोले बाबा' पर अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. हाथरस पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बाबा पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.  

बाबा के आश्रम कहां-कहां?

इस बीच पता चला है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और मध्य प्रदेश में आश्रम हैं. उत्तर प्रदेश में नोएडा, मैनपुरी, कासगंज, और आगरा में कई आश्रम बताए जा रहे हैं. ये आश्रम कई एकड़ जमीन में फैले हुए हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है. एक हिंदी टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, मैनपुरी में बाबा के नाम से काफी भव्य आश्रम है, जिसके बाहर बाबा ने चंदा देने वालों की लिस्ट लगा रखी है, जिसमें सबसे ज्यादा कम रकम 10 लाख रुपये की है.

बताया जा रहा है कि बाबा के पास करोड़ों की संपत्ति है. यूपी के नोएडा में भी बाबा का आश्रम है, जो सेक्टर-87 इलाबांस गांव में बना हुआ है. बाबा का ये आश्रम भी काफी बड़ा और आलीशान है. इस आश्रम के दरवाजों पर लोहे के बड़े-बड़े गेट लगे हुए हैं. बताया जाता है कि काफी वक्त से बाबा इस आश्रम में नहीं आया है. यहां के अलावा बाबा को राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी आश्रम बताए जाते हैं.

करोड़ों में है आश्रम की कीमत

बाबा के इन आश्रमों की कीमत करोड़ों में बताई जाती है. बताया जाता है कि बाबा जिस आश्रम का निर्माण और सड़कों का निर्माण कराता था. उसके लिए उसने बाकायदा एक कमेटी बना रखी है. रिपोर्ट्स हैं कि इस कमेटी में भी लोगों से चंदा लिया जाता था. बताया जाता है कि बाबा के पास कई सौ करोड़ रुपये की संपत्ति हैं.

हालांकि, अनुयायियों का दावा है कि बाबा कोई भी दान-दक्षिणा या चढ़ावा आदि नहीं लेते हैं. अपने प्रवचनों में पाखंड का विरोध करते हैं. मानव सेवा को सबसे बड़ा मानने का संदेश देते हैं.

लग्जरी लाइव जीता है बाबा 

बाबा नारायण साकार हरि लग्जरी जीवन जीता है. उसके काफिले में कई लग्जरी गाड़िया हैं. महंगे-महंगे थ्री पीस सूट और महंगे गॉगल पहनता था. बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में बताई जाती है. अपने इन्हीं अनुयायियों को प्रवचन देने के दौरान भी उसकी लग्जरी लाइफस्टाइल दिखती थी. प्रवचनों के दौरान बाबा इसी वेशभूषा में दिखता था.

बाबा के साथ एक महिला भी प्रवचनों के दौरान दिखती हैं. इस महिला को लेकर कई दावे हैं कोई उसे बाबा की पत्नी या सेविका बताता है तो कोई कहता है कि वो बाबा की पत्नी नहीं, बल्कि रिश्ते में उसकी मामी लगती है. लेकिन बाबा के अनुयायी के बीच वो महिला 'मां जी' के नाम से पहचाने जाती है.

बाबा की खुद की वर्दीधारी 'फौज'

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की खुद की वर्दीधारी 'फौज' भी है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हैं. इस लंबी चौड़ी फौज को आश्रम के सेवादार कहा जाता है. ये सेवादार काले रंग की पोशाक पहनते हैं, जो सत्संग या अन्य किसी तरह के कार्यक्रमों की पूरी कमान संभालते हैं.  सेवादार बाबा के श्रद्धालुओं के पानी और भोजन व्यवस्था करते हैं. भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लाखों अनुयायी हैं.

यहां देखें- बाबा के एक कार्यक्रम का वीडियो

देशभर में भी भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं. बाबा के सत्संग में जो भी भक्त जाता है, उसे वहां पानी बांटा जाता है. बाबा के अनुयायी ऐसा मानते हैं कि इस पानी को पीने से उनकी समस्याएं खत्म हो जाती हैं. एटा में बहादुर नगर गांव स्थित बाबा के आश्रम में दरबार लगता है. यहां आश्रम के बाहर एक हैंडपंप भी है. दरबार के दौरान इस हैंडपंप का पानी पीने के लिए भी लंबी लाइन लगती है. 

कौन है भोले बाबा?

बाबा को नारायण साकार हरि और साकार विश्व हरि जैसे नामों से जाना जाता है. बाबा का असली नाम सूरज पाल हैं. नारायण साकार हरि एटा जिले के बहादुर नगरी गांव का रहने वाला है. नारायण साकार हरि अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं. इनके सत्संग को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम कहा जाता है. 

बाबा खुद को इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताते हैं. दावा है कि 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ वे प्रवचन करने लगे. सूत्रों की माने तो बाबा यूपी पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल था. उन पर बलात्कार का केस दर्ज हुआ था, जिसके बाद पुलिस विभाग ने उसे बर्खास्त कर दिया था. जेल से छूटने के बाद सूरज पाल बाबा बन गया.