आंध्र प्रदेश की सत्ता से विदाई के बाद चंद्रबाबू नायडू को मिल रही सहूलियतें कम होती जा रही हैं और मुसीबते बढ़तीं जा रही हैं. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू अमरावती स्थित आवास प्रजा वेदिका पर मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार का बुलडोजर चल गया. मंगलवार आधी रात को पुलिस की मौजूदगी में इसको तोड़ने का काम भी शुरू हुआ और बुधवार सुबह तक जारी रहा. आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने इमारत को ढहाने पर रोक की याचिका खारिज कर दी है. तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू द्वारा आधिकारिक बैठकों के लिए 2017 में बनाई गई इमारत 'प्रजा वेदिका' की चाहरदीवारी, गोदाम, भोजन कक्ष, शौचालय और अन्य हिस्सों को मंगलवार रात तोड़ने के बाद अधिकारियों ने मुख्य इमारत को तोड़ना शुरू कर दिया.
Andhra Pradesh: Demolition of 'Praja Vedike' building is underway in Amaravati. The building was constructed by the previous government led by N Chandrababu Naidu. pic.twitter.com/ZCpqBzmEZC
— ANI (@ANI) June 26, 2019
'प्रजा वेदिका' में मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की जिला अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ पहली बैठक संपन्न होने के कुछ घंटों बाद ही इमारत को तोड़ने का काम शुरू हो गया. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि उनकी सरकार अनाधिकृत रूप से निर्मित इमारतों को ढहाने का अभियान चलाएगी, जिसकी शुरुआत नदी के किनारे स्थित सभी नियमों का उल्लंघन कर बनी इस इमारत को तोड़कर की जाएगी.
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राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीआरडीए) के अतिरिक्त आयुक्त विजय कृष्णन इमारत को तोड़े जाने के कार्य का पर्यवेक्षण करेंगे. नायडू के विदेश यात्रा से लौटने और अपने घर जाने के बावजूद उंदावल्ली में तनाव के माहौल के बीच मजदूर रात से इमारत तोड़ने में लगे हैं. पुलिस ने तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को इमारत के पास जाने से रोकने के लिए यातायात के मार्ग में परिवर्तन कर दिया है.
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आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार रात इमारत को ढहाने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. सामाजिक कार्यकर्ता पी. श्रीनिवास राव द्वारा दायर याचिका की सुनवाई उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने बुधवार तड़के 2.30 बजे सुनी. इमारत को ढहाने से जनता का धन बर्बाद करने का आरोप लगाकर याचिकाकर्ता ने इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की.
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न्यायमूर्ति सीताराम मूर्ति और न्यायमूर्ति जे. श्याम प्रसाद ने याचिकाकर्ता के वकील का तर्क सुना. महाधिवक्ता श्रीराम सुब्रमंड्यम ने सरकार का पक्ष रखा और रोक लगाने के आदेश का विरोध किया. इसके बाद अदालत ने इमारत तोड़ने पर रोक लगाने का आदेश देने से इनकार कर दिया और मामले की सुवाई दो सप्ताह तक टाल दी.
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'प्रजा वेदिका ’का निर्माण पिछली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार द्वारा एन चंद्रबाबू नायडू के आधिकारिक निवास के बगल में किया गया था. इसका उपयोग सरकार और पार्टी गतिविधियों दोनों के लिए किया जा रहा था. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में टीडीपी की हार के बाद, चंद्रबाबू नायडू ने 5 जून को नए मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने विपक्ष के नेता की हैसियत से उन्हें आवास आवंटित करने का अनुरोध किया था.
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आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में कटौती की गई है. बेटे नारा लोकेश को मिली जेड श्रेणी की सुरक्षा को हटा लिया गया है. पूर्व मंत्री नारा लोकेश की सुरक्षा को 5+5 से घटाकर 2+2 कर दिया गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को उनका बंगला 'प्रजा वेदिका' तोड़ने के आदेश दे दिया था. उनका घर तोड़ने की कार्रवाई बुधवार से शुरू होगी. बता दें कुछ ऐसा ही कारनामा नायडू सरकार ने जगन मोहन रेड्डी के विपक्ष में रहते हुए किया था.
शनिवार को ही सामान निकाल बाहर फेंका था
#WATCH: Demolition of 'Praja Vedike' building underway in Amaravati. The building was constructed by the previous government led by N. Chandrababu Naidu. #AndhraPradesh pic.twitter.com/qRCWjfVTJZ
— ANI (@ANI) June 25, 2019
बताते हैं कि इसके पहले वायएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने शनिवार को चंद्रबाबू नायडू के अमरावती स्थित आवास 'प्रजा वेदिका' को अपने कब्जे में ले लिया था. तेलुगू देशम पार्टी ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति कोई सद्भावना नहीं दिखाई और चंद्रबाबू नायडू का सामान घर से निकाल बाहर फेका. चंद्रबाबू नायडू तब से कृष्णा नदी के किनारे उंदावल्ली स्थित इस आवास में रह रहे थे, जब से आंध्र प्रदेश ने अपना प्रशासन हैदराबाद से अमरावती शिफ्ट किया था.
कलेक्टरों का सम्मेलन होगा अब 'प्रजा वेदिका' में
गौरतलब है कि हैदाबाद अब तेलंगाना की राजधानी है. 'प्रजा वेदिका' का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एपीसीआरडीए) के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास के रूप में किया था. पांच करोड़ रुपए में बने इस आवास का इस्तेमाल नायडू आधिकारिक कार्यों के साथ ही पार्टी की बैठकों के लिए करते थे.
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आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में तेलगू देशम पार्टी को को जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के हाथों बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. जिसने 151 सीटों पर जीत हासिल कर 175 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल किया था. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भी वाईएसआरसीपी को 22 सीटें मिलीं, जबकि टीडीपी को सिर्फ तीन सीटें मिलीं थीं.
(इनपुट आईएएनएस)