नागालैंड के मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सु बुधवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते है।गौरतलब है कि गुवाहाटी हाई कोर्ट ने लीजीत्सु के शक्ति परीक्षण पर रोक लगाने के अनुरोध को ठुकरा दिया। अदालत ने यह मामला गर्वनर के विवेक पर छोड़ दिया।
संवदाताओं के साथ बातचीत में लीजीत्सु ने पद छोड़ने के संकेत दिए है। लीजीत्सु ने कहा कि उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। लेकिन वह किसी भी तरह का राजनीतिक दांव-पेच खेलने में अब दिलचस्पी नहीं रखते हैं।
लीजीत्सु ने कहा, 'विश्वास मत हासिल करने का कोई नियम नहीं है। विधानसभा में जाने का कोई मतलब नहीं है। विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उनके खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया है।'
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बता दें राज्य के गर्वनर पीबी अचार्य ने बुधवार को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। गर्वनर ने नागालैंड विधानसभा अध्यक्ष को विशेष सत्र का एजेंडा लीजीत्सु के नेतृत्व में विश्वास मत हासिल करने के निर्देश दिए है।
लीजीत्सु ने आचार्य के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि यह 'असंवैधानिक, अवैध, मनमाना तथा संविधान की बुनियादी विशेषताओं का उल्लंघन है।' आचार्य ने लीजीत्सु को सदन में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दिया था।
अपने आदेश में जज लानुसुंगकुम जमीर ने कहा, 'ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता के पास सदन में बहुमत नहीं है, इसलिए राज्यपाल बिना किसी सहायता व सलाह के फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।'
आचार्य ने 9 जुलाई को सत्तारूढ़ नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) में भारी अंतर्कलह और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग के मद्देनजर लीजीत्सु से 15 जुलाई तक बहुमत साबित करने के लिए कहा था। इस आदेश के खिलाफ लीजीत्सु कोर्ट चले गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री टी. आर. जेलियांग ने आचार्य को एक पत्र लिखकर नई सरकार बनाने का दावा किया है। जेलियांग का दावा है कि उन्हें एनपीएफ के 33 विधायकों व सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है।
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HIGHLIGHTS
- नागालैंड के मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सु ने पद छोड़ने के संकेत दिए है
- राज्य के गर्वनर पीबी अचार्या ने बुधवार को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है
Source : News Nation Bureau