PDP और NC के विरोध के बाद जम्मू-कश्मीर में टल सकता है नगरपालिका और पंचायत चुनाव

सूत्रों ने कहा कि इसका औपचारिक निर्णय राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बुधवार देर शाम होने वाली बैठक में लिए जाने की संभावना है

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kunal kaushal
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PDP और NC के विरोध के बाद जम्मू-कश्मीर में टल सकता है नगरपालिका और पंचायत चुनाव

फाइल फोटो

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जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा अक्टूबर में निर्धारित नगरपालिका चुनाव को जनवरी 2019 के लिए स्थगित किए जाने की संभावना है, लेकिन पंचायत चुनाव निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नवंबर-दिसंबर में हो सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि इसका औपचारिक निर्णय राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बुधवार देर शाम होने वाली बैठक में लिए जाने की संभावना है।

यह घटनाक्रम नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के चुनाव बहिष्कार की घोषणा के बाद सामने आया है। चुनाव से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'पंचायत चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा।'

कांग्रेस इन चुनावों में हिस्सा लेने के अपने फैसले की घोषणा बुधवार को करने वाली है।

पीडीपी ने चुनाव नहीं लड़ने का किया था ऐलान

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने ऐलान किया था कि जम्मू-कश्मीर में आगामी नगर निगम व पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी। पार्टी ने इसके साथ ही सरकार को असुरक्षा के इस माहौल में चुनाव करवाने के निर्णय की समीक्षा करने को कहा है। PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba mufti) ने कहा, 'हमारे सिर पर धारा 35A की तलवार लटके रहने' के कारण राज्य के लोगों में असुरक्षा की भावना है। पार्टी ने चुनावों से दूर रहने का फैसला सर्वसम्मति से किया है।'

नेशनल कॉन्फ्रेंस भी नहीं उतरेगी चुनाव में
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रमुख फारूख अब्दुल्ला ने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। बुधवार को अब्दुल्ला ने कहा था कि जबतक केंद्र सरकार आर्टिकल 35A पर अपना रूख साफ नहीं करती है तबतक चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

बता दें कि अक्टूबर-नवंबर में जम्मू-कश्मीर में निगम और पंचायत चुनाव होने हैं। हालांकि अभी तारीख का ऐलान चुनाव आयोग ने नहीं किया है।

क्या है अनुच्छेद 35A

अनुच्छेद 35A, जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार देता है। इसके तहत दिए गए अधिकार 'स्थायी निवासियों' से जुड़े हुए हैं। इसके तहत राज्य के पास यह अधिकार है कि वो दूसरे जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को किसी तरह की सहूलियत दे या फिर ना दे। अनुच्छेद 35Aदरअसल अनुच्छेद 370 से ही जुड़ा है। इस धारा के तहत जम्मू-कश्मीर के अलावा भारत के किसी भी राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता इसके साथ ही वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता।

Source : News Nation Bureau

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