नागरिकता संशोधन बिल (CAB) संसद से पारित होने से पहले पैदा हुई 'नागरिकता' का अब जन्म प्रमाण पत्र बन गया है. संसद के दोनों सदनों से बिल पारित होने के बाद उसकी मां ने उसका नाम नागरिकता रखा था. उसकी मां ने बताया था कि जब बेटी बड़ी होगी तो वह उसके नाम के बारे में विस्तार से बताएगी. आज सोमवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष घर जाकर उसे जन्म प्रमाणपत्र सौपेंगे.
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11 दिसंबर को राज्यसभा से नया नागरिकता कानून पास हुआ था. इसकी खुशी में मजनूं का टीला में रह रहे एक शरणार्थी परिवार ने दो दिन पहले जन्मी अपनी बेटी का नाम नागरिकता रखा था. सात साल से मजनूं का टीला इलाके में रह रहे इस परिवार के पास नागरिकता नहीं थी. बच्ची की मां आरती ने कहा था कि बेटी घर की लक्ष्मी होती है. इसके जन्म के साथ ही हमारी नागरिकता का रास्ता खुल गया है. नए कानून के नाम पर उन्होंने अपनी बेटी का नाम रखा है. इसके बाद रामलीला मैदान में आयोजित रैली में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बच्ची का खास तौर से जिक्र किया था. नागरिकता नाम रखने के बाद निगम के अधिकारी बच्ची के परिजनों से मिले थे. परिजनों ने जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश ने बताया कि दस दिनों में यह प्रमाणपत्र जारी किया गया है. अगर दूसरे बच्चों के आवेदन प्राप्त होंगे तो उन्हें भी जन्म प्रमाणपत्र दिया जाएगा.
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2013 में भारत आया था परिवार
नागरिकता का परिवार 2013 में पाकिस्तान से भारत आया था. दिल्ली के मजनूं का टीला में 2013 में ही शरणार्थी कैंप बनाया गया था. इस कैंप में 135 परिवारों के 800 लोग रहते हैं. इन्हें अभी भारत की नागरिकता नहीं मिली थी. नया कानून आने से उन्हें नागरिकता मिल पाएगी.
Source : News Nation Bureau