जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के दो छात्रों ने कैंपस के अंदर उनके खिलाफ मानहानि करने वाले पोस्टर लगाने के एक मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
दोनों छात्र उन 9 छात्रों में शामिल हैं जिनका कैंपस से गायब हुए छात्र नजीब के मामले में लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग की गई थी। ये दोनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य भी हैं।
इन दोनों छात्रों ने कहा है कि पोस्टर को बीते रात कैंपस में लगा हुआ देखा गया था जिसमें नजीब मामले में उनको आरोपी बताते हुए जांच में देरी करवाने का आरोप लगाया था।
दिल्ली के वसंतकुंज थाने में इन दो एबीवीपी सदस्य छात्रों ने लिखित में शिकायत दी, 'पोस्टर में डिजाइन करने वाले का नाम नहीं था लेकिन जब हमने साबरमती हॉस्टल के पास उन लोगों को रंगे हाथ पकड़ा तो वे गाली गलौज और जातिसूचक टिप्पणी करने लगे। उन्होंने हमें धमकी भी दी है।'
शिकायत में उन्होंने कहा कि वे एससी/एसटी छात्र हैं इसलिए एससी/एसटी अत्याचार कानून के तहत इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने दावा किया है, 'हमारी जान लगातार खतरे में है। पोस्टर को पूरे कैंपस में चिपकाया गया है और हमारे खिलाफ घृणा फैलाने और दुर्भावना फैलान का प्रयास किया है।'
पोस्टर में नौ छात्रों के नाम हैं जिसमें शिकायतकर्ता के नाम भी शामिल हैं। उनके अनुसार पोस्टर में लिखा है, 'नौ आरोपियों ने लाइ-डिटेक्टर टेस्ट से इंकार कर दिया। वे नौ महीने से जांच में देरी कर रहे हैं। वे क्या छुपा रहे हैं?'
इस घटना पर शिकायत पाने के बाद पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की और कहा कि इसमें जांच शुरू की गई है।
और पढ़ें: JNU: वरिष्ठ अधिकारियों को गलत तरीके से रोक कर रखने के आरोप में छात्रों पर FIR दर्ज
Source : News Nation Bureau