दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग भी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध करने वालों की कतार में जा खड़े हुए हैं. सोमवार शाम को शाहीन बाग में विगत एक महीने से अधिक से चल रहे धरना-प्रदर्शन में वह पहुंचे और सीएए कानून में बदलाव की मांग कर डाली. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि लोगों से बातचीत कर उनकी उलझनों को सुलझाना बहुत जरूरी है. सीएए विरोधी धरना-प्रदर्शन से स्थानीय लोगों की कमाई पर तो असर पड़ ही रहा है, देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसकी आंच पहुंच रही है.
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सीएए कानून में बदलाव की गुंजायश
शाहीन बाग में चल रहे धरना-प्रदर्शन में पहुंचे दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग ने कहा, 'मुझे ऐसा लगता है कि नागरिकता संशोधन कानून में बदलाव की गुंजायश है. इसमें या तो मुसलमानों का नाम भी शामिल किया जाए या फिर अन्य नामों को भी हटा दिया जाए. सीएए कानून को समावेशी बनाने से सारा मामला ही खत्म हो जाएगा. यदि प्रधानमंत्री इन लोगों को बुलाकर बातचीत करते हैं, तो मामला ही सुलझ जाएगा.'
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पड़ रहा अर्थव्यवस्था पर असर
उन्होंने कहा कि इस मसले पर बातचीत करना बहुत जरूरी है. इसके बाद ही किसी सर्वमान्य समाधान तक पहुंचा जा सकेगा. आप ही बताएं समाधान कैसे निकलेगा यदि हम बात ही नहीं करेंगे? ऐसे में आखिर कब तक नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर धरना-प्रदर्शन चलता रहेगा? अब तो इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ने लगा है. दुकानें वगैरह बंद हैं, बसे चल नहीं रही हैं. इस कारण सरकार के साथ-साथ अन्य लोगों को भी नुकसान हो रहा है.
HIGHLIGHTS
- दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग भी सीएए के विरोध करने वालों की कतार में.
- इसमें मुसलमानों का नाम भी शामिल किया जाए या अन्य नामों को भी हटाया जाए.
- अब तो इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ने लगा है. दुकानें वगैरह बंद हैं, बसे चल नहीं रही.
Source : News State