भाजपा नेता नरेंद्र मोदी नौ जून को तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं. उनके शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देश के शीर्ष नेताओं को गुरुवार आमंत्रित किया गया है. इन नेताओं में बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स और श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं. पहले यह तय हुआ था कि पांच पड़ोसी देशों के नेताओं को ही न्योता दिया जाना है. मगर गुरुवार को पीएम मोदी के निर्देश पर मालदीव और सेशेल्स को भी इस सूची में डाला गया. ऐसा कहा जा रहा है कि इसके पीछे की रणनीति पड़ोसी को आगे रखना है.
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नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के अलावा हिंद महासागर के पड़ोसी देशों को भी साथ लाने की तैयारी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी ने गुरुवार को मालदीव और सेशेल्स को भी इस लिस्ट में डाला है. इससे पहले पीएम ने बुधवार को बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के नेताओं के साथ फोन पर अलग-अलग बात की थी. उन्हें अपने तीसरे शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्योता दिया. इसके साथ सभी सात देशों को निमंत्रण भेजा गया.
बताया जा रहा है कि औपचारिक निमंत्रण भेजने से पहले ही बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के अधिकारियों ने पीएम शेख हसीना, पीएम पुष्प कमल दहल और राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के शपथ समारोह में शामिल होने की पुष्टि कर दी है.
मुइज्जू ने बीते साल इंडिया आउट का अभियान चलाया था
आखिरी क्षणों में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को आमंत्रित अतिथियों की सूची में शामिल किया गया. मुइज्जू ने बीते साल इंडिया आउट का अभियान चलाया था. हाल के दिनों में मुइज्जू ने भारत को 85 से अधिक सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए मजबूर किया. इसके बाद मुइज्जू को निमंत्रण दिया गया है. पीएम मोदी की इस रणनीति में द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाना है. सभी पड़ोसी देशों पर चीन की पैनी नजर है. वह नहीं चाहता है कि इन देशों की नजदीकियां भारत से ज्यादा हो.ऐसे में नई सरकार के साथ इन देशों के साथ मनमुटाव को दूसर करने का प्रयास किया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau