प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कांग्रेस द्वारा स्थापित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल), वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच में आरोपपत्र दायर किया. ईडी का आरोपपत्र धनशोधन रोकथाम (पीएमएलए) अधिनियम के प्रावधानों के तहत है. एजेएल, वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा नियंत्रित है, जिसमें गांधी परिवार भी शामिल है. यह समूह नेशनल हेराल्ड अखबार चलाता है.
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पंचकूला के सेक्टर छह में प्लाट नंबर सी-17 की खरीद, कब्जे से जुड़ी प्रक्रिया में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल होने के कारण आरोपियों के नाम आरोपपत्र में हैं. अधिकारी ने कहा कि पीएमएलए के तहत जांच में पता चला कि प्लाट को एजेएल को साल 1982 में आवंटित किया गया, लेकिन इसे एस्टेट अधिकारी एचयूडीए ने 30 अक्टूबर 1992 को वापस ले लिया, क्योंकि एजेएल ने आवंटनपत्र की शर्तो का पालन नहीं किया.
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उन्होंने कहा कि 1996 में पुनर्विचार याचिका के खारिज करने के बाद पुनग्र्रहण आदेश दिया गया. उन्होंने कहा, "हुड्डा ने अपने आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग किया और बेइमानी से उक्त प्लाट को पुनर्आवंटन की आड़ में नए सिरे से एजेएल को आवंटित किया, इसे मूल दर पर दिया गया और जरूरी शर्तो या एचयूडीए (हुडा) की नीति का उल्लंघन किया गया. यह आदेश 28 अगस्त 2005 को दिया गया." ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर 2016 में पीएमएलए शिकायत दर्ज की थी.
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HIGHLIGHTS
- ED ने दाखिल किया मनी लांडरिंग मामले में आरोप पत्र
- एसोसिएट्स जर्नल के अलावा कांग्रेस के कई नेताओं के नाम
- एजेएल ने आवंटनपत्र की शर्तो का पालन नहीं किया