प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आज लोकसभा में सवर्णों को आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन विधेयक पेश करेगी. सरकार की ओर से मंत्री थावरचंद्र गहलोत विधेयक पेश करेंगे. बीजेपी और कांग्रेस ने बिल को लेकर अपने-अपने सांसदों को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते कोई कोई दल इस बिल का विरोध करने का जोखिम नहीं उठाएगा, हालांकि लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध किया है. विपक्ष इस बिल को संसद की स्थायी कमेटी को भेजने की मांग कर सकता है, हालांकि सरकार इस पर राजी नहीं होगी.
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मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सवर्णों की नाराजगी के चलते मात खाने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा दांव चला है. एक दिन पहले ही सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और अगले ही दिन इसे लोकसभा में पेश करने का निर्णय लिया गया. इसी कारण राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ा दी गई है. सरकार की कोशिश है कि इसी सत्र में इस बिल को पास करा लिया जाए.
माना जा रहा है कि मोदी सरकार आरक्षण की सीमा को 50 से बढ़ाकर 60 फीसद कर सकती है. फिलहाल आरक्षण देने की सीमा सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसद ही निर्धारित कर रखी है. माना जा रहा है कि सरकार धारा 15 और 16 में बदलाव कर सकती है. धारा 15 के तहत शिक्षा संस्थानो में आरक्षण और धारा 16 के तहत सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलने का प्रावधान है. सवर्ण जातियों की ये 70 साल पुरानी मांग है.
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एससी-एसटी एक्ट को लेकर उग्र हुए थे सवर्ण
सरकार ने पिछले साल एससी-एसटी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद किए गए प्रावधानों को केंद्र सरकार ने संशोधन विधेयक के जरिए फिर से बहाल कर दिया था. सवर्णों ने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया था. भारत बंद भी किया गया था. सवर्णों ने विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए सोशल मीडिया पर नोटा अभियान चलाया. मध्य प्रदेश में बीजेपी के कई प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट मिले और अपने ही गढ़ से बीजेपी को बेदखल होना पड़ा.
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अभी किसको कितना आरक्षण
- अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत
- अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत
- अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत
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नए फैसले से किसको मिलेगा लाभ
भारत सरकार के अनुसार ईडब्लूएस की कैटेगरी में जो लोग आते हैं उन्हें आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाता है. EWS Category की परिभाषा के अनुसार
1. जिसे व्यक्ति की वार्षिक आय 8 लाख रुपये है वह आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आएगा.
2. जिस व्यक्ति के पास 5 एकड़ भूमि से कम कृषि योग्य भूमि है वह आर्थिक रूप से पिछले वर्ग में आता है.
3. जिस व्यक्ति के पास रहने के लिए 1000 वर्ग फीट से कम रहने का घर है वह इस आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आता है.
4. जिस व्यक्ति के पास स्थानीय निकाय के नोटिफाइड इलाके में 100 वर्ग गज से कम का निवासी प्लाट है वह इस वर्ग में आता है.
5. इसके अलावा 200 वर्ग गज की भूमि से कम गैर-नोटिफाइड इलाके में है तो वह भी आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आता है.
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Source : News Nation Bureau